उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में कुमाऊं हिमालय में हिम तेंदुए और अल्पाइन पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण पर चल रहे शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
कैमरे में कैद हुई तस्वीर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदरढूंगा घाटी में करीब 3,010 मीटर की ऊंचाई पर एक बंगाल टाइगर की दुर्लभ मौजूदगी ट्रैप कैमरा में कैद हुई है। इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने वन्यजीव जगत के लिए अत्यंत दुर्लभ और आश्चर्यजनक रिकॉर्ड दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैमरा ट्रैप में कैद हुई यह छवि इस क्षेत्र से अब तक की सबसे पुष्ट उच्च-ऊंचाई उपस्थिति का प्रमाण है। इस खोज पर आधारित एक संक्षिप्त शोध-पत्र को प्रकाशन के लिए स्वीकार भी किया गया है। बागेश्वर जिले के पिंडारी सुंदरढूंगा और कफनी क्षेत्र में हिम तेंदुए का पता लगाने के लिए 55 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। वन विभाग के शोधकर्ता वैज्ञानिक रजत जोशी और उनके सहायक इसकी निगरानी कर रहे हैं।
जानें इनके बारे में
हिम तेंदुआ ( पैंथेरा उन्शिया ) फेलिडे परिवार के पैंथेरा वंश का एक बड़ा बिल्ली का बच्चा है। यह प्रजाति मध्य और दक्षिण एशिया की पर्वत श्रृंखलाओं की मूल निवासी है। हिम तेंदुए पाँच हिमालयी राज्यों – जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के 100,146 वर्ग किलोमीटर बर्फीले जंगलों में फैले हुए हैं। हिम तेंदुए मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। भारत में, इनका भौगोलिक क्षेत्र पश्चिमी हिमालय के एक बड़े हिस्से को कवर करता है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम तथा पूर्वी हिमालय में अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।