उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की रेल सुरंग टी-8 और टी-8 एम आज आरपार हो गई है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना कुल 16,216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है। इसी वर्ष 2025 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
इतनी है लंबाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरंग के निर्माण में अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया गया है। वहीं परियोजना की अन्य सुरंगों का निर्माण पारंपरिक ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है। लगभग 853 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है।
इस दिन से शुरू हुआ था कार्य
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी इस परियोजना में 104 किमी लंबी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से केवल तीन सुरंगें ही ऐसी हैं, जिनकी लंबाई 3 किलोमीटर से कम है। शेष 12 सुरंगों की लंबाई 3 किलोमीटर से अधिक है। सुरंग सुरक्षा नियमों के अनुसार, तीन किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली प्रत्येक सुरंग के समानांतर एक निकास सुरंग भी बनाई जा रही है। मुख्य सुरंग और निकास सुरंग को 375 मीटर की दूरी पर क्रॉस पैसेज के माध्यम से जोड़ा गया है, ताकि आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके। इन मशीनों का व्यास 9.11 मीटर और लंबाई 140 मीटर है, जो 7.8 मीटर की फिनिश्ड लाइनिंग वाली सुरंगें बनाने के लिए डिजाइन की गई हैं।
रहें मौजूद
इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कार्यक्रम में जनासु रेलवे स्टेशन पहुंचे। साथ ही गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी व कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।