ऊधमसिंहनगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा से सटे सुरई जंगल को वन विभाग द्वारा सफारी कराने की दृष्टि से तैयार किया जा रहा है। राज्य में आने वाले सैलानियों को सफारी करने के लिए अब एक और जंगल मिलने वाला है। इसके अलावा यहाँ पर पर्यटकों के ठहरने की सुविधा होने के साथ ही तमाम ऐसे प्वांट विकसित किए जाएंगे जो यहां पहुंचने वालों को आकर्षित करेंगे। इसमें क्रोकोडाइल प्वाइंट को भी शामिल किया गया है। इस काम तीन से चार महीने के अंदर पूरा करने की बात कही गयी है। वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने खटीमा रेंज व सुरंई रेंज के जंगलों का दौरा कर खाका खींच तैयार किया है।
तीन से चार महीने के अंदर पर्यटक राज्य की इस पहली क्राकोडाइल सफारी का आनंद ले पाएंगे
भारत-नेपाल की सीमा स्थित खटीमा में इससे पूर्व पर्यटन के दृष्टिकोण से कुछ भी नहीं था। पीसीसीएफ भरतरी ने गुरुवार सुबह सुरई रेंज के जंगल में तेजी से बन रहे क्रोकोडाइल प्वाइंट और जंगल सफारी जोन की निर्माण प्रगति का निरीक्षण किया। उसके बाद पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि खटीमा व सुरई के आकर्षक जंगल में क्रोकोडाइल सहित जंगल सफारी के अस्तित्व में आने पर सैलानियों को वाइल्ड लाइफ लाइफ सफारी के लिए नया स्थान मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि तीन से चार महीने के अंदर पर्यटक राज्य की इस पहली क्राकोडाइल सफारी का आनंद ले पाएंगे। इस दौरे में चीफ कुमाऊं तेजस्विनी पाटिल, वन संरक्षक राहुल, हल्द्वानी डिवीजन के कुंदन कुमार, तराई पूर्वी के डीएफओ संदीप कुमार, एसडीओ शिवराज चंद, रेंजर राजेंद्र मनराल, रेंजर सुधीर कुमार, सतीश रेखाड़ी, धन सिंह अधिकारी, संतोष भंडारी आदि उपस्थित रहे।
वनों की हरियाली का सही उपयोग कराने के लिए जनजागरण करने में लगा है
यह तो सभी जानते है कि उत्तराखंड पूरे देश को बहुतायत में आक्सीजन प्रदान करता है लेकिन कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से हुई भयानक मौतों ने चिकित्सा विशेषज्ञों से लेकर विज्ञानियों को भी चिंता में डाल दिया। और आंकड़ों में उत्तराखंड की स्थिति दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों से पीछे नहीं रही। इसको ध्यान में रखते हुए अब वन विभाग भी वनों की हरियाली का सही उपयोग कराने के लिए जनजागरण करने में लगा है। राजीव भरतरी ने बताया कि पीलीभीत रोड स्थित नर्सरी में लगभग साढ़े तीन हेक्टेयर में आक्सीजन पार्क बनेगा क्योंकि यहां विभिन्न प्रजाति के वृक्ष हैं और इन्हें इस तरह से विकसित किया जाएगा कि पर्यटकों को प्रकृति का ज्ञान भी मिल पाये।
तीन व्यू प्लाइंट बनाये जाएंगे
सैलानियों के लिए क्रोकोडाइल सफारी का निर्माण भी किया जा रहा है जिसकी लंबाई लगभग 700 मीटर व चौड़ाई 200 मीटर है। इसमें तीन व्यू प्लाइंट बनाये जाएंगे जहां खड़े होकर पर्यटक क्रोकोडाइल को देख पाएंगे। सुरई रेंज स्थित ककरा नाले में पर्याप्त भोजन होने के कारण सौ से अधिक क्रोकोडाइल हैं इसलिए इस क्षेत्र को चुना गया है।इसके अलावा पैदल जाने के लिए ट्रैक बन रहा है, जिसके किनारे जाली लगेगी और वॉच टावर का भी प्रस्ताव है। देखा जाए तो पर्यटकों के ठहरने के लिए मुख्यमंत्री का यह आकर्षक ड्रीम प्रोजेक्ट सीमांत को अंतरराट्रीय पटल पर ले जा सकता है। वहीं, इसको लेकर क्षेत्र में खुशी की लहर है। मुख्यमंत्री की मंशा समझ कर अधिकारी भी इसे साकार करने के लिए दिन-रात इस कार्य में लगे हुए हैं।
लोग सफारी में बाघ, गुलदार, भालू, मोर व हिरन की प्रजातियों को देख सकेंगे।l
इस क्षेत्र का जंगल हरियाली व वन्यजीवों से भरा हुआ है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कहा कि सुरई रेंज में जंगल सफारी का खाका तैयार हो चुका है। जंगल सफारी के लिए 27 किलोमीटर के ट्रैक में पर्यटकों के लिए हट बनेंगे और लोग सफारी में बाघ, गुलदार, भालू, मोर व हिरन की प्रजातियों को देख सकेंगे। ककरा नाला वैसे तो अपनेआप में बेहद आकर्षक स्पॉट है लेकिन वन्य जीवों की दृष्टि से उसे और विकसित किया जा सकता है। शहर के नजदीक आक्सीजन पार्क भी बनाया जाएगा जहां लोग व्यायाम, वॉक व शुद्ध हवा का आनंद ले पाएंगे।