Site icon Khabribox

उत्तरकाशी: टनल से निकाले गए सभी 41 मजदूरों के रेस्क्यू के बाद जश्न का माहौल

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 41 जिदंगियां फंसी हुई थी। जिनको सकुशल बाहर निकाल दिया गया है। इसमें झारखंड, 15 मजदूर, उत्तर प्रदेश, 8 मजदूर, बिहार, 5 मजदूर, ओडिशा, 5 मजदूर, पश्चिम बंगाल, 3 मजदूर, उत्तराखंड, 2 मजदूर, असम, 2 मजदूर, हिमाचल, 1 मजदूर है।

सभी मजदूर सकुशल बाहर निकाले गए

जिसमें देशवासियों की दुआएँ और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हुआ। 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद आज मंगलवार को सभी मजदूर सकुशल बाहर निकाले गए। श्रमिकों को पौष्टिक आहार व दवाएं दी जाती रहीं, ताकि वे मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। सभी 41 श्रमिकों को मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. आज जैसे ही श्रमिकों के परिवारों में यह खबर पहुंची तो वहां जश्न छा गया। लोगों ने दीवाली मनाई।

देशवासियों की दुआएँ और रेस्क्यू ऑपरेशन

जिसमें देशवासियों की दुआएँ और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हुआ। 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार को वह ‘मंगलघड़ी’ आई जिसका ना सिर्फ मजदूरों के परिवारों बल्कि पूरे देश को इंतजार था।

इतने लाख रूपये का मिलेगा मुआवजा

इस बीच सीएम धामी ने सभी श्रमिकों को 1-1 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने सिल्क्यारा सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर भी बनवाने का ऐलान किया है।

दीवाली पर हुआ था हादसा

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर दीवाली पर ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला।

इस पर एनआईडीएम पूरा चेप्टर तैयार करेगा

रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र रतनू ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसा पूरे देश के लिए केस स्टडी बनेगा। उन्होंने उन्होंने कहा कि सभी हिमालयी राज्यों का पूरा भूगोल अन्य राज्यों से अलग है। इसलिए हिमालयी राज्यों की ओर से ही यह सुझाव आया था कि उत्तराखंड में एक इस तरह का राष्ट्रीय संस्थान खुले, जिसमें आपदा प्रबंधन से संबंधित शोध, प्रशिक्षण और इससे जुड़े दूसरे महत्वपूर्ण कार्य हो सकें। वर्ष 2022 से यह प्रस्ताव केंद्र सरकार में लंबित है। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की बात कही है।

Exit mobile version