March 29, 2024

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केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल का 83वें स्‍थापना दिवस, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति सहित अन्य लोगों ने दी शुभकामनाएं

देश में जहां कहीं भी कानून और व्यवस्था की समस्या होती है, चुनाव या अन्य किसी भी प्रकार की ड्यूटी में जब भी सुरक्षाबलों की आवश्यकता होती है, तो राज्य सबसे पहले सीआरपीएफ की ही मांग करते हैं। केन्द्र सरकार ने भी चुनाव के लिए सीआरपीएफ को ही नोडल एजेंसी नियुक्त किया है । जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराने और फिदायीन हमलों को नाकाम करने में इस बल ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि राष्‍ट्र सी आर पी एफ की निस्‍वार्थ सेवाओं के लिए कृतज्ञ है

उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 83वें स्‍थापना दिवस के अवसर पर बल के कर्मियों को शुभकामनाएं दी हैं। ट्वीट में श्री नायडू ने कहा कि सी आर पी एफ सुरक्षा देश में सार्वजनिक व्‍यवस्‍था, आतंरिक सुरक्षा बनाये रखने और उग्रवाद से निपटने में अग्रणी रहा है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्र उनकी निस्‍वार्थ सेवाओं के लिए कृतज्ञ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्‍थापना दिवस पर बल के कर्मियों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी हैं। एकट्वीट में, श्री मोदी ने कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अपने शौर्य और पेशेवर काम के लिए जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि सीआरपीएफ ने देश की सुरक्षा में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा राष्‍ट्रीय एकता को और मजबूत करने में सीआरपीएफ का योगदान सराहनीय है। 
 
इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने केन्‍द्रीय पुलिस बल के स्‍थापना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। ट्वीट संदेश में श्री शाह ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और राष्‍ट्रीय एकता बनाये रखकर सी आर पी एफ देश की उन्‍नति में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहा है।

वीरता की अद्भुत मिसाल

सीआरपीएफ ने ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण, सच्ची निष्ठा से भारत सरकार, राज्य सरकारों तथा देश की जनता का विश्वास व प्यार जीता है। गुजरात का रण ऑफ कच्छ हो या फिर लद्दाख का हॉट स्प्रिंग, सीआरपीएफ के जवानों की वीरता की अद्भुत मिसाल है। सीआरपीएफ एक ऐसा बल है जिसके पास अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपनी स्पेशलाइज्ड विंग हैं। सांप्रदायिक व जातीय हिंसा रोकने, बाढ़ एवं आगजनी के दौरान राहत कार्य से निपटने में ‘आरएएफ’ सक्षम है तो वहीं नक्सलवाद व माओवाद से निपटने के लिए ‘कोबरा’ बटालियन और संसद की सुरक्षा में ‘पीडीजी’ बटालि

बता दें कि 19 मार्च को सरदार पटेल ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को ध्वज (कलर) प्रदान किया था इसलिए इस तिथि को स्थापना दिवस के लिए ज्यादा अनुकूल मानकर गृह विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इससे पहले ब्रिटिश काल में 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में नीमच में स्थापना हुई थी। इसलिए 27 जुलाई को सीआरपीएफ का स्थापना दिवस मनाया जाता था। लेकिन 2018 से इसे 19 मार्च को मनाया जाता है।