लॉकडाउन में ढील और राजमार्गों पर यातायात की आवाजाही में वृद्धि होने के साथ, फास्टैग के जरिए होने वाला टोल संग्रह रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है।
टोल संग्रह बढ़कर हुआ इतना
1 जुलाई 2021 को 63.09 लाख रुपये के लेनदेन के साथ, देशभर में फास्टैग के जरिए होने वाला टोल कलैक्शन 103.54 करोड़ रुपये हो गया है। आपको बता दें, फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह देशभर में 780 सक्रिय टोल प्लाजा पर संचालित हो रहा है ।
महत्वाकांक्षी पहल, 2,576.28 करोड़ रुपये हो गया, जो कि मई 2021 में वसूले गए 2,125.16 करोड़ रुपये से लगभग 21 प्रतिशत अधिक है।
क्या है फास्टैग? और कैसे करता है यह काम?
देश के सभी नेशनल हाइवे पर टोल 15 फरवरी से कैशलेस हो गए हैं। वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य है। फास्टैग एक स्टीकर है, जो आपकी गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। वाहन चालक, जब किसी भी नेशनल हाइवे पर यात्रा के दौरान टोल से गुजरते हैं तो वहां पर लगे स्कैनर गाड़ी पर लगे स्टीकर को डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक के जरिए स्कैन कर लेते हैं। दूरी के हिसाब से पैसे काट लिए जाते हैं। फास्टैग को रिचार्ज करना पड़ता इसकी वजह से वाहन को टोल पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी वजह से टोल पर वेटिंग टाइम में भी कमी दर्जी की गई है।
यह महत्वाकांक्षी पहल, डिजिटल इंडिया आज जन आंदोलन के रूप में बदल गया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल, डिजिटल इंडिया (Digital India) आज जन-आंदोलन में बदल गया है। डिजिटल इंडिया को 1 जुलाई, 2021 को 6 साल पूरे हो गए हैं । ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत सरकार ने टोल प्लाजा पर होने वाला लेनदेन को डिजिटल करने के लिए इस साल फरवरी में फास्टैग को लागू किया। इससे न सिर्फ समय की बचत हुई बल्कि ईंधन की बर्बादी पर भी रोक लगी।
96 प्रतिशत हो रहा फास्टैग का इस्तेमाल
लगभग 3.48 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ, देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल करीब 96 प्रतिशत तक हो रहा है और कई टोल प्लाजा पर इसका इस्तेमाल 99% तक होता है। एक अनुमान के मुताबिक, फास्टैग प्रतिवर्ष ईंधन पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत करेगा, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण मे भी मदद होगी।
पिछले महीने आई थी गिरावट
मई के महीने में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन में गिरावट आई थी। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर टोल संग्रह मई के महीने 25-30 फीसदी गिरने की आशंका जताई थी। मार्च के मुकाबले अप्रैल महीने में भी टोल कलेक्शन में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इसके पीछे की वजह कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए लगे लॉकडाउन को बताया गया, जिसकी वजह से आवाजाही बड़े स्तर पर प्रभावित हुई थी।