05 दिसम्बर: आज है काल भैरव जयंती, शिव जी के रौद्र स्वरूप बताए गए हैं काल भैरव

आज 05 दिसम्बर 2023 है। आज भैरवाष्टमी है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव पूजा करने का विधान है। इसे काल भैरवाष्टमी के रूप में मनाते हैं।

धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप

आज 5 दिसंबर, मंगलवार को ये पर्व मनाया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में इस संबंध में जानकारी दी गई है। भगवान भैरव के 8 रूप हैं। इनमें से काल भैरव तीसरा है। भैरव से ही बाकी 7 और प्रकट हुए। उनके नाम, रुरु भैरव, संहार भैरव, काल भैरव, असित भैरव, क्रोध भैरव, भीषण भैरव, महा भैरव और खटवांग भैरव है। धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप बताया गया है।

हर संकट होते हैं दूर

भैरव का अर्थ है भय को हरने या जीतने वाला। इसलिए काल भैरव रूप की पूजा से मृत्यु और हर तरह के संकट का डर दूर हो जाता है। नारद पुराण में बताया है कि काल भैरव की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही बीमारियां और तकलीफ भी दूर होती हैं।

काल भैरव की करे पूजा

बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति प्राप्त होती है। शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है। ऐसे में यदि आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इनकी जयंती के दिन काले कुत्ते को भोजन खिलाएं।