आज 07 मई है। आज विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। जो ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह दिन दुनिया भर में बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरूआत
इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1998 में हुई थी और पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने मनाया था। 1998 में ही 35 से ज्यादा देशों ने इस दिन को मनाया था। इसी के बाद से दुनियाभर में सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और अस्थमा के बारे में शिक्षा फैलाने के मकसद से हम इसे हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाते आ रहे हैं। अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। धूल धुआं, हवा में मौजूद प्रदूषण और कई कारणों से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। अस्थमा ऐसी बीमारी है, जिससे बचाव के साथ-साथ अगर जांच और इलाज को लेकर सतर्क रहा जाए, तो यह बीमारी नियंत्रण में रहती है।
अस्थमा के रोकथाम
📌📌हालांकि यह सच है कि आप अस्थमा को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन ऐसे तरीके हैं जिनसे आप अस्थमा के साथ जीवन जीना आसान बना सकते हैं और अस्थमा के दौरे की आवृत्ति को कम कर सकते हैं।
📌📌अस्थमा के दौरे को प्रबंधित करने के लिए अपने डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं लें और कार्ययोजना का पालन करें क्योंकि इस स्वास्थ्य स्थिति की नियमित निगरानी और आपके जीवन पर नियंत्रण की आवश्यकता होती है।
📌📌फ्लू और निमोनिया से बचाव के लिए टीकाकरण से अपडेट रहें, जो अस्थमा को भड़का सकता है।अपने अस्थमा ट्रिगर्स को जानें और उनसे बचें। नियमित जांच के लिए डॉक्टर के पास जाएँ क्योंकि अस्थमा के लक्षण बदल सकते हैं।
📌📌यदि आप शीघ्रता से कार्य करते हैं, तो आपको गंभीर अस्थमा का दौरा पड़ने की संभावना कम है। इस बात पर ध्यान दें कि आप अपने त्वरित-राहत इन्हेलर पर कितना भरोसा करते हैं और अपने डॉक्टर से इस पर चर्चा करें
अस्थमा के कारण व लक्षण
अस्थमा एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें आपके वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं, सूज जाते हैं और यहां तक कि अतिरिक्त बलगम भी उत्पन्न हो सकता है जिससे ठीक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। अस्थमा सभी के लिए एक जैसा नहीं होता है, लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं, कुछ के लिए यह छोटी समस्या हो सकती है, जबकि अन्य के लिए, यह एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है जो दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करती है और जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। आक्रमण करना।
अस्थमा के लक्षण और लक्षणों में शामिल हैं:
📌📌सांस लेने में कठिनाई
📌📌सीने में जकड़न या दर्द
📌📌साँस छोड़ते समय घरघराहट होना, जो बच्चों में अस्थमा का एक सामान्य लक्षण है
📌📌सांस लेने में तकलीफ, खांसी या घरघराहट के कारण सोने में परेशानी
📌📌खांसी या घरघराहट के दौरे जो सर्दी या फ्लू जैसे श्वसन संक्रमण से खराब हो जाते हैं।
विश्व अस्थमा दिवस मनाने का इतिहास
पिछले कुछ समय में प्रदूषण और लाइफस्टाइल में बदलावों की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आमतौर पर अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारी को नजरअंदाज किया जाता है और इसका सही तरीके से इलाज भी नहीं किया जाता। खासतौर पर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अस्थमा के मरीजों से कहा जाता है कि यह कोई बीमारी नहीं है, जिसे ठीक करने के लिए इलाज और दवाओं का सहारा लिया जाए। ऐसे में इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व स्तर पर अस्थमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही, दुनियाभर में अस्थमा से पीड़ित लोगों को सही इलाज मिल सके, इसके प्रति जागरूकता लाना है।
जाने इस साल की थीम
विश्व अस्थमा दिवस 2024 की थीम ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) की ओर से अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण (Asthma Education Empowers) रखी गई है।