12 मई: Happy Mother’s Day: हम सभी के लिए बेहद खास होती है माँ, उत्साह और खुशी के साथ मनाए यह दिन

आज 12 मई 2024 है। आज मातृ‌ दिवस है। मई महीने में दूसरे हफ्ते के रविवार को मदर्स डे को तौर पर मनाया जाता है। मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता है, वो अलग बात है कि एक खास दिन को मां के नाम निश्चित कर दिया गया है। इस खास दिन पर लोग अपनी मां के प्रति प्यार जताते हैं। 

आज मनाया जा रहा है मातृ दिवस-

हर कोई जानता है कि हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे यानी मातृ दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत एना जार्विस ने की थी। उन्होंने यह दिन अपनी मां को समर्पित किया और इसकी तारीख इस तरह चुनी कि उनकी मां की पुण्यतिथि 9 मई के आसपास ही पड़े। इस बार मदर्स डे 12 मई को पड़ रहा है। मातृ दिवस की शुरुआत सबसे पहले साल 1908 में अमेरिका से हुई थी। 1908 में ग्रेफट्न के एंड्रयूज मेथॉडिस्ट चर्च में पहली बाद मातृ दिवस का आयोजन किया गया था।आज के दिनों में, ये कई देशों में मनाया जाता है जैसे यूके, चाईना, भारत, यूएस, मेक्सिको, डेनमार्क, इटली, फिनलैण्ड, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, जापान और बेल्जियम आदि। अपनी माँ को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिये कई सारे क्रिया-कलापों को आयोजित करने के द्वारा बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ लोग इस दिन को मनाते हैं।

भारत में होता है जागरूकता‌ आयोजन-

भारत में इसे हर साल मई के दूसरे रविवार को देश के लगभग हर क्षेत्र में मनाया जाता है। पूरे भारत में आज के आधुनिक समय में इस उत्सव को मनाने का तरीका बहुत बदल चुका है। ये अब समाज के लिये बहुत बड़ा जागरुकता कार्यक्रम बन चुका है। सभी अपने तरीके से इस उत्सव में भाग लेते हैं और इसे मनाते हैं। विविधता से भरे इस देश में ये विदेशी उत्सव की मौजूदगी का इशारा है। ये एक वैश्विक त्योहार है जो कई देशों में मनाया जाता है। समाज में एक विशाल क्रांति कम्प्यूटर और इंटरनेट जैसी उच्च तकनीक ले आयी है जो आमतौर पर हर जगह दिखाई देता है। आज के दिनों में, लोग अपने रिश्तों के बारे में बहुत जागरुक रहते हैं और इसे मनाने के द्वारा सम्मान और आदर देना चाहते हैं। भारत एक महान संस्कृति और परंपराओं का देश है जहाँ लोग अपनी माँ को पहली प्राथमिकता देते हैं। इसलिये, हमारे लिये यहाँ मातृ दिवस का उत्सव बहुत मायने रखता है। ये वो दिन है जब हम अपनी माँ के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं। हमारे जीवन में वो एक महान इंसान है जिसके बिना हम एक सरल जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वो एक ऐसी व्यक्ति हैं जो हमारे जीवन को अपने प्यार के साथ बहुत आसान बना देती है।

जानें इसका इतिहास और महत्व-

भारत में मदर्स डे यानी मातृ दिवस मई माह के दूसरे रविवार के दिन मनाया जाता है। इतिहास कहता है कि एन जार्विस ने इससे पहले टाइफाइड के प्रकोप से गुजर रहे अमेरिका के उत्तरी राज्य (यूनियन) और दक्षिणी राज्य (कॉन्फेडरेट) दोनों में चल रहे कैंप्स के लिए सेनिटाइजेशन और हेल्थ में सुधार के लिए मदर्स डे वर्क क्लब का आयोजन किया था। वो इन्हें माताओं के लिए एक एनुअल मेमोरियल के रूप में आगे बढ़ाना चाहती थीं, लेकिन एनुअल सेलिब्रेशन की स्थापना से पहले 9 मई 1905 में एन जार्विस का निधन हो गया। एन जार्विस की बेटी एना अपनी मां को आदर्श मानती थीं और उनसे बहुत प्यार करती थीं। एना कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी मां के अधूरे सपने को पूरा करने में जुट गईं और उनके काम को आगे बढ़ाने लगीं। एना मां की मौत के तीन साल बाद 10 मई 1908 को एना जार्विस ने एंड्रयूज मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च में अपनी मां और सभी माताओं का सम्मान करने के लिए एक मेमोरियल सेरेमनी का आयोजन किया। जो आज वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन में इंटरनेशनल मदर्स डे श्राइन के रूप में प्रसिद्ध है। यही दिन पहले मदर्स डे आधिकारिक सेलिब्रेशन का एक प्रतीक है।‌ एना जॉर्विस ने मदर्स डे की नींव जरूर रखी लेकिन औपचारिक रूप से मदर्स डे की शुरूआत 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी। इस दौरान अमेरिकी संसद में कानून पास कर हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का ऐलान किया गया। तब से अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई जगहों पर मदर्स डे मनाया जाने लगा। उन दिनों यूरोप में इस खास दिन को मदरिंग संडे कहा जाता था। दरअसल, कई देशों में मदर्स डे अलग-अलग दिन मनाया जाता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत आदि। इन देशों में मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। वहीं यूनाइटेड किंगडम में यह लेंट के चौथे रविवार को आयोजित किया जाता है। बिल्कुल ईस्टर संडे से तीन हफ्ते पहले। इसके अलावा, कुछ अरब देशों में मदर्स डे मार्च माह में मनाने की परंपरा है। वहीं 5 अक्टूबर 1992 से इंटरनेशनल मदर्स डे श्राइन एक नामित राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल रहा है।