27 दिसंबर: सुरूप द्वादशी आज, भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा का विधान, जानें महत्व

आज 27 दिसंबर 2024 है। आज‌ सुरूप द्वादशी है। जो‌ पौष महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है।  इस दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के पापों का नाश होता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

सुरूप द्वादशी

यह दिन धर्म ग्रंथों के अनुसार पवित्र और लाभकारी माना गया है। महाभारत में भी उल्लेख है कि जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, वे भगवान को अत्यंत प्रिय होते हैं। इस दिन गंगा स्नान और सूर्य को जल चढ़ाना भी शुभ माना गया है। यह व्रत व्यक्ति के पाप और दोष समाप्त करता है और उसे मोक्ष की ओर ले जाता है।

शुभ मुहूर्त – हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आज शुक्रवार 27 दिसंबर को पौष कृष्ण द्वादशी तिथि पूरे दिन रहेगी।

खास है महत्व

महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं कि जो इंसान किसी भी तरह का व्रत या उपवास न कर सके, वो केवल द्वादशी को ही उपवास करे। आश्वमेधिक पर्व के अनुसार जो पौष मास की द्वादशी को उपवास करके जो ‘नारायण’ नाम से भगवान विष्णु की पूजा करता है, वह वाजिमेध-यज्ञ का फल पाता है। ऐसी मान्यता है कि द्वादशी तिथि पर चन्दन, फूल, फल, जल या पत्र भगवान विष्णु को चढ़ाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामना पूरी होती है। ऐसे इंसान पर भगवान की विशेष कृपा होती है।