अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले अल्मोड़ा के लोग पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी के नेतृत्व में विगत 6 वर्षों से निरन्तर गांधी पार्क चौहानपाटा अल्मोड़ा में धरना देते आ रहे हैं।
2017 में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण लागू कर दिया गया था
विदित हो कि नवम्बर 2017 में अल्मोड़ा सहित समूचे पर्वतीय क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण लागू कर दिया गया था। जिसका विरोध लगातार जारी है। आज धरने को सम्बोधित करते हुए समिति के संयोजक एवं पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार केवल विज्ञापनों के माध्यम से अपनी पीठ खुद थप थपा रही है लेकिन जनता की समस्याओं से उसे कोई लेना देना नहीं है।
प्राधिकरण लागू करने से पहले सरकार ने अल्मोड़ा जैसे पर्वतीय जिले की भौगोलिक स्थिति का नहीं किया आकलन
वरिष्ठ नागरिक, पेंशनर्स, अल्मोड़ा की जनता लगातार पांच वर्षों से जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने के लिए धरना दे रही है पर प्रदेश सरकार सुनने को तैयार नहीं है। नवंबर 2017 में भाजपा सरकार ने तुगलकी फरमान से पूरे प्रदेश में जनविरोधी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को लागू कर दिया। प्राधिकरण लागू करने से पहले सरकार ने अल्मोड़ा जैसे पर्वतीय जिले की भौगोलिक स्थिति का भी आकलन नहीं किया गया। अल्मोड़ा जैसे नब्बे प्रतिशत तक बस गए शहर में प्राधिकरण लागू करने का कोई औचित्य ही नहीं है।
जनविरोधी प्राधिकरण को समाप्त कर भवन मानचित्र स्वीकृति संबंधित समस्त अधिकार नगरपालिका को दे
भाजपा के दो दो मुख्यमंत्रियों के प्राधिकरण समाप्त की घोषणा के बाद भी इसे समाप्त ना किया जाना समझ से परे है। सरकार अवलंब इस जनविरोधी प्राधिकरण को समाप्त करे। अभी भी वक्त है सरकार नींद से जागे और अविलंम्ब इस जनविरोधी प्राधिकरण को समाप्त कर भवन मानचित्र स्वीकृति संबंधित समस्त अधिकार नगरपालिका को दे। उन्होंने अन्य जनप्रतिनिधियों से भी मांग की कि वह भी जनहित में जनता की इस बेहद गंभीर समस्या के लिए संघर्ष समिति के साथ आए और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का काम करे।
उपस्थित रहे
धरने में मुख्य रूप से पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, सभासद हेम चन्द्र तिवारी,अवनी अवस्थी, ललित मोहन पंत,एम सी काण्डपाल,प्रताप सत्याल, आनन्द सिंह बगडवाल, शहाबुद्दीन, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, चन्द्रशेखर बनकोटी शामिल रहे।