G-20 Summit: आज से शुरू हो रहा G-20 सम्मेलन, पूरी दुनिया मेहमान, आया 4254 करोड़ का खर्च

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। आज से G20 शिखर सम्मेलन का शुरू होने जा रहा है। सुबह 9 बजकर 20 मिनट से भारत मंडपम में विश्व के नेता पहुंचने शुरू हो जाएंगे।

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन होने जा रहा है। यह भारत के लिए बहुत बड़ा मौका है। जी20 समूह में शामिल देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और नौ मेहमान देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने लगे हैं। दिल्ली 48 घंटे के लिए दुनिया का सबसे हॉट सेंटर होगा। भारत मंडपम पर सबकी निगाहें होंगी। क्योंकि जी-20 समिट में बड़े-बड़े राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को जी20 समिट की शुरुआत सुबह 9.30 बजे ही हो जाएगी। सुबह 9.30 बजे सभी मेहमान भारत मंडपम पर पहुंचेंगे जहां सभी मेहमानों की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वेलकम फोटोग्राफी होगी। फोटोग्राफी के बाद उसी जगह पर लीडर्ड लाउंज में नेताओं की मुलाकातों का दौर भी शुरू हो जाएगा। सुबह 10.30 बजे भारत मंडपम में बनाए गए भव्य समिट हॉल में जी20 का पहला सेशन आयोजित किया जाएगा। इस सेशन का नाम वन अर्थ रखा गया है। थीम के मुताबिक ही इस मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान देखने को मिल जाएगा।

क्या है जी20?

जी20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, ये 20 देशों का एक समूह है। ये 20 देश साल में एक बार एक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होते हैं और दुनियाभर के आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं। जो देश इस सम्मेलन की अध्यक्षता करता है, उसका प्रमुख काम किसी विषय विशेष के प्रति सभी देशों के बीच आम सहमति बनाना होता है‌।

भारत का मकसद‌, बटी हुई दुनिया को एक मंच पर लाना और सहमति बनाना

G20 शिखर सम्मलेन का एक खास मकसद उन देशों को एक मंच पर लाना है जिन्हें विकासशील देश कहा जाता है। ऐसे में चुनौती अलग-अलग मुद्दों को लेकर रही खींचतान से जुड़ी भी है। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने G20 को काफी प्राभावित किया है और भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती इसे पाटना और सभी देशों को एक करना है। भारत यह कोशिश करेगा की सभी देश एक मत के साथ आखिर में प्रस्ताव पेश करें और कुछ भी गड़बड़ ना हो।

जानें इस बार की थीम

भारतीय अध्यक्षता के तहत इसकी थीम वसुधैव कुटुंबकम रखी गई है, जिसका अर्थ है विश्व एक परिवार है। आयोजन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है।

जानें जी20 सम्मेलन का महत्व

भारत के लिए जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है। कई अधिकारियों, वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। कई मुद्दों पर प्रगति भी देखने को मिली है। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने पहले कहा था कि जी20 एक आर्थिक मंच है और भारत विकास संबंधी मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित करेगा। क्योंकि इससे वैश्विक मंच पर देश को मजबूती मिलेगी।

जी20 समिट की सबसे बड़ी चिंता

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच मतभेद है, जिसके चलते सभी का एक मुद्दे पर सहमत होना बड़ी चुनौती है। यूक्रेन युद्ध पर सदस्य देशों के बीच मतभेद से किसी एक मुद्दे पर सहमत होना बड़ी चुनौती है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इस बैठक में न आना भी ग्रुप के अंदर मतभेद के तौर पर ही देखा जा रहा है। दुनिया में जो हलचल मची हुई है, उसमें आम सहमति बनाना काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह आर्थिक नीति बनाने में समस्या खड़ी कर सकती है।

जी20 की तैयारियों पर आया 4254 करोड़ रुपये का खर्च

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राजधानी को सजाने में 4254.75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। तैयारियों के सबसे अहम घटकों में से सुरक्षा थी। इसके अलावा सड़कों, फुटपाथों और लाइटिंग व्यवस्था के रखरखाव में भी किए गए खर्च भी शामिल हैं। दिल्ली एनसीआर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। एयरपोर्ट से लेकर होटल और कार्यक्रम स्थल भारत मंडपम तक हर रास्ते, चौराहों को G20 की थीम में रंग दिया गया है। दिल्ली की तमाम सड़कों और चौराहों को फूलों और फव्वारों से सजाया गया है, जबकि सरकारी भवनों और फुटपाथों को नए सिरे से पेंट किया गया है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एंटी-ड्रोन सिस्टम और 1,30,000 पुलिस और अर्ध-सैन्य कर्मियों को शहर को अचूक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है।

जी-20 सम्मेलन में होंगे शामिल

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं। इनके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी आ रहे हैं। वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज भी जी-20 में शामिल होने आ रहे हैं। जी-20 में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग नहीं आ रहे हैं, लेकिन चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग शामिल होने भारत आ रहे हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन जी-20 में नहीं रहेंगे। उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मौजूद होंगे। जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदो, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुन-येओ, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज समेत सभी राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे।

G20 शिखर सम्मेलन में पहले दिन के प्रमुख कार्यक्रम

सुबह 9:30 – 10:30 बजे: वैश्विक नेता और प्रतिनिधिमंडल प्रमुख भारत मंडपम पहुंचेंगे। ट्री ऑफ लाइफ फोयर में प्रधानमंत्री के साथ स्वागत फोटो। फिर लीडर्स लाउंज, लेवल 2 पर इकट्ठा होंगे।
सुबह 10:30 बजे – दोपहर 1:30 बजे: समिट हॉल में पहला सेशन ‘वन अर्थ’ होगा. उसके बाद वर्किंग लंच।
दोपहर 1:30 – 3:30 बजे: विभिन्न द्विपक्षीय बैठकें होंगी। जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और जापान के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी।
दोपहर 3:30 – 4:45 बजे: शिखर सम्मेलन स्थल पर दूसरा सेशन ‘वन फैमिली’ होगा. उसके बाद नेता अपने होटल लौट जाएंगे।
शाम 7 बजे – रात 8 बजे: नेता और प्रतिनिधिमंडल प्रमुख रात्रिभोज के लिए पहुंचेंगे, जिसकी शुरुआत एक स्वागत फोटो के साथ होगी।
रात 8 बजे – रात 9 बजे: रात्रिभोज और चर्चाएं होंगी।
रात 9 बजे – 9:45 बजे: पहले दिन के कार्यक्रम के समापन के लिए भारत मंडपम में लीडर्स लाउंज में एकत्रित होंगे।

जी-20 में कौन-कौन देश शामिल?

G20 में 19 व्यक्तिगत देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। ये देश हैं ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। इसी के साथ, जी 20 के सदस्य देश, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।

G20 के नए अध्यक्ष कौन है?

18 वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9-10 सितंबर 2023 को दिल्ली (भारत) में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न होगा ।

G20 कितने साल का है?

G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी।

जी20 की शुरुआत कैसे हुई?

परिचय। 1999 में गठित दुनिया की बीस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह, ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) की कल्पना एक ऐसे ब्लॉक के रूप में की गई थी जो अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर चर्चा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाएगा।

जी-20 का आविष्कार किसने किया था?

2008 का वैश्विक आर्थिक संकट और G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का निर्माण। G20 नेताओं का मंच बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव 2005 में कनाडाई प्रधान मंत्री पॉल मार्टिन द्वारा दिया गया था, लेकिन अमेरिका के विरोध ने प्रगति धीमी कर दी।