बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। बागेश्वर में विशेष सत्र न्यायालय में बीते कल शुक्रवार को एनडीपीएस एक्ट के मामले को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने स्मैक तस्कर को चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं, अगर आरोपी द्वारा अर्थदंड जमा नहीं किया गया, तो उसे छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
जानें पूरा मामला
बताया गया कि एसआई कुंदन रौतेला पुलिस टीम के साथ मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु 10 जून 2022 को चेकिंग अभियान पर थे, तभी मुखबिर ने पुलिस को बताया कि एक व्यक्ति गरुड़ की ओर से रुनीखेत के पास गाड़ी से उतरकर पैदल बागेश्वर की ओर आ रहा है। जिसके पास स्मैक है। सूचना मिलने पर पुलिस टीम गरुड़ रोड की ओर रवाना हुई। जैसे ही टीम कुकुड़गाड़ पुल से 100 मीटर आगे गरुड़ रोड पर पहुंची, तभी तस्कर टीम के वाहन को देखकर घबराकर भागने का प्रयास करने लगा। शक होने पर उसे घेरकर पकड़ लिया गया, उससे उसके घबराने और भगाने का कारण पूछा तो उसने अपने पास स्मैक होना बताया। जिसे वह हल्द्वानी से लेकर आया है। तलाशी लेने पर उसके पास 8.59 ग्राम स्मैक बरामद हुई। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम जीवन पथनी निवासी मंडलसेरा बागेश्वर बताया। जिसके बाद एनडीपीएस अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
न्यायालय में चला केस
इसके बाद मामला न्यायालय में चला। न्यायालय में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने आठ गवाह पेश किए। गवाहों को सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश ने दोष सिद्ध किया और चार साल की सजा सुनाई है।