उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को यूकेएसएसएससी परीक्षा मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जानें पूरा मामला
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन की वर्ष 2016 में आयोजित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा में धांधली हुई थी। धांधली के संबंध में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष रघुबीर सिंह रावत, तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल एवं तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेन्द्र सिंह पोखरिया सहित तीनों ही अधिकारी पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जेल में निरुद्ध हैं। इन तीनों अधिकारियों की पूर्व में विजिलेंस कोर्ट देहरादून द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया गया था। जिसके बाद इन तीनों अधिकारियों ने उच्च न्यायालय नैनीताल में जमानत याचिका लगाई थी।
जमानत याचिका खारिज
जमानत याचिका के विरोध में एसटीएफ द्वारा मुकदमे की विवेचना में एकत्रित किए गए सक्ष्यों को माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर तीनों की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा एसटीएफ के द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद तीनों अधिकारीयों की जमानत याचिका को खारिज कर दी।