काबुल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान में तेजी आ गई है। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भारत लौटने की इच्छा व्यक्त की है और विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया है, उन्हें स्वदेश लाने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
रविवार को काबुल और दोहा, ताजिकिस्तान से लौटे भारतीय
बता दें कि इससे अलावा सभी भारतीय को अफगानिस्तान के काबुल से निकाल कर सुरक्षित दोहा ले जाया गया। करीब 300 भारतीयों को काबुल एयरपोर्ट से कतर एयरवेज के जरिए दोहा भेजा गया था जहां उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया। इन सभी 300 भारतीयों को दोहा से एयर इंडिया, एयर विस्तारा और इंडिगो की फ्लाइट्स से भारत पहुंचाया जा रहा है। दोहा और ताजिकिस्तान से आईं उड़ानें 222 यात्रियों के साथ 21 अगस्त की आधी रात को दिल्ली पहुंची। दोहा में भारतीय दूतावास ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर तरह की सहायता प्रदान की। भारत, ताजिकिस्तान के दुशाम्बे और कतर के रास्ते अपने नागरिकों को विमान से वापस ला रहा है।
उधर काबुल से 168 यात्रियों को लेकर भारतीय वायु सेना का एक विमान रविवार सुबह हिंडन एयरबेस पर उतरा, जिसमें 107 भारतीय नागरिक रहे।
भारत पहुंच भावुक हुए अफगान सांसद
वहीं काबुल से हिंडन एयरबेस पहुंचे सिख अफगान सांसद नरेंद्र खालसा काफी भावुक हो गए और रोने लगे। उन्होंने कहा- अफगानिस्तान हमारी जमीन है, हमारी मां है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। हमें तालिबान पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है, इसलिए हम सभी भारत आ गए हैं। हम भारत सरकार के शुक्रगुजार है कि इस मुश्किल वक्त में उन्होंने हमारी मदद की। इसी तरह भारत पहुंचीं अफगान सीनेटर अनारकली ने कहा- आई लव इंडिया, लेकिन अपना देश छोड़ना आसान नहीं है।