देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। भारतवंशी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (58 वर्षीय) आज तीसरी बार अंतरिक्ष पर उड़ान भरने जा रही थी।
आज किया जाना था लांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार, मंगलवार सुबह 8:04 बजे यूनाइटेड लॉन्च अलाइंस एटलस वी रॉकेट से लॉन्च किया जाना था। जो अब स्थगित कर दिया गया है। सुनीता विलियम्स के साथ बुच विल्मोर भी अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले थे। सुनीता विलियम्स ने बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से उड़ान भरने वाली थी। जिसे फ्लोरिडा में केप केनवेरल के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा जाना था। जिसमें दोनों अंतरिक्ष में आठ दिन बिताते। जिसके बाद 15 मई को धरती पर वापसी होती ।
इस वजह से टला मिशन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक नया अंतरिक्ष यान बोइंग स्टारलाइनर, जो अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स के साथ मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपने पहले चालक दल के प्रक्षेपण के लिए निर्धारित था। लंबे समय से प्रतीक्षित इस परीक्षण उड़ान को तकनीकी समस्या के कारण आज मंगलवार को रद्द कर दिया गया। रॉकेट के दूसरे चरण में एक वाल्व के साथ समस्या के कारण स्थगन की घोषणा नासा के लाइव वेबकास्ट के दौरान की गई थी। रॉकेट के ऑक्सीजन रिलीफ वॉल्व में आई समस्या के कारण इस मिशन को टाला गया है। अब अगला लॉन्च कब होगा इसकी फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
1965 में हुआ जन्म
सुनीता गुजरात के अहमदाबाद से थीं। सुनीता विलियम्स का जन्म 19, सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो के क्लीवलैंड में हुआ था।परिवार सुनीता के जन्म के पहले ही 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में बस गए थे।सुनीता विलियम्स का 1998 में जून में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में सिलेक्शन हुआ था। सुनीता 2006 में पहली बार अंतरिक्ष गई थी। सुनीता विलियम्स साल 2006 और 2012 में दो बार स्पेस में जा चुकी हैं। नासा के रिकॉर्ड के मुताबिक वो स्पेस में अबतक कुल 322 दिन बीता चुकी हैं। वह नौसेना पोत चालक, हेलिकॉप्टर पायलट, पेशेवर नौसैनिक, मैराथन धावक भी रही हैं। सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में लंबे समय तक रूकने का रिकॉर्ड तो बनाया था, साथ ही उन्हें 50 घंटे तक स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड भी बनाया था। सुनीता विलियम्स को भारत सरकार द्वारा साल 2008 में साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।