19 अगस्त को रक्षा बंधन, रहेगा भद्राकाल का साया, इस शुभ मुहूर्त पर बांधे भाई की कलाई में राखी

अगस्त का महीना है। 19 अगस्त को भाई बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार है। हर भाई बहन के लिए यह त्योहार काफी खास होता है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र भद्रा रहित और शुभ मुहूर्त में बांधना चाहिए। आज इसी संबंध में हम जानकारी देंगे। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।‌ इस बार रक्षा बंधन 19 अगस्त को है।

इतने बजे तक रहेगा भद्राकाल

इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर भद्राकाल आरंभ हो जाएगा और 1 बजकर 31 मिनट तक भद्रा रहने वाली है। इसके बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। बहनें भद्रा के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधें।

यह रहेगा शुभ मुहूर्त

19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम के 3 बजकर 32 मिनट तक का समय रक्षासूत्र बांधने के लिए बेहद शुभ है। इसके अलावा शाम को प्रदोष काल के समय भी भाइयों के कलाई पर राखी बांधी जा सकती है। शाम को 5 बजकर 32 मिनट से लेकर 6 बजकर 55 मिनट का समय भी बेहद शुभकारी है। इस समय में भाइयों के कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से भाइयों को न सिर्फ दीर्घायु का वरदान मिलेगा बल्कि उनका भाग्योदय भी होगा।

जानें क्या होता है भद्रा काल?

भद्रा शनि देव की बहन का नाम है। जो भगवान सूर्य और माता छाया की संतान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भद्रा का जन्म दैत्यों के विनाश के लिए हुआ था। ऐसा माना जाता है रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी जिसकी वजह से रावण का अंत भगवान राम के हाथों हुआ। इसीलिए किसी भी शुभ काम को करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि भद्रा काल ना चल रहा हो।