अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि अरोड़ा की अदालत ने आदेश दिए है।
जानें पूरा मामला
बताया कि परिवादी का कथन है कि परिवादी उपरोक्त पते का स्थाई निवासी है तथा मामले तथ्यों से भिज्ञ है। परिवादी और अभियुक्त आपस में परीचित एवं व्यापारी हैं। अभियुक्त की धारानीला अल्मोड़ा में मिठाई की दुकान है। अभियुक्त द्वारा परिवादी से व्यापार में नुकसान के आर्थिक तंगी व बैंक लिमिट को नियमित बताकर परिवादी से दो लाख रूपया उधार लिया गया। अभियुक्त के आर्थिक तंगी के चलते व बैंक लिमिट को नियमीत करने के लिए परिवादी द्वारा अभियुक्त की मदद की गयी। परिवादी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के चैक संख्या 477053 के माध्यम से अभियुक्त को उधार की रकम दी गई। अभियुक्त द्वारा परिवादी को यह आश्वासन दिया गया था कि उसकी बैंक लिमिट नियमीत होते ही एक माह बाद वह परिवादी से ली गयी उधार धनराशि मुव० दो लाख रू० वापस कर देगा। अभियुक्त द्वारा अपनी बैंक लिमिट नियमित होने के एक माह पश्चात भी परिवादी से लिये गये उधार की धनराशि रू० 2,00,000/- वापस अदा नहीं की। मांगने पर अभियुक्त ने टाल-मटोल किया । जिस पर कुछ समय माँग कर अभियुक्त द्वारा परिवादी को एक चैक जो कि भारतीय स्टेट बैंक, शाखा माल रोड अल्मोडा जिसका नम्बर 823157 मुब० रू0 2,00,000/- दिनांकित 06.03.2021 का निर्गत किया गया। परिवादी द्वारा उक्त चैक अपने व्यवहारिक बैंक अल्मोडा अरबन कॉपरेटिव बैंक शाखा लाला बाजार अल्मोडा में समाशोधन हेतु दिनांक 30.04.2021 को जमा किया गया तो दिनांक 01.05.2021 को वह इस टिप्पणी के साथ वापस आया कि खाते में निधि अपर्याप्त है। इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा अभियुक्त को फोन पर सूचना दी गई कि आपके द्वारा निर्गत चैक निधि अपर्याप्त होने के कारण बाउंस हो गया। आज तक अभियुक्त के द्वारा उपरोक्त धनराशि परिवादी को अदा नहीं की गयी। परिवादी पवन कपूर पुत्र विजय कुमार कपूर निवासी सब्जी मण्डी लाला बाजार अल्मोडा पो० तहसील व जिला अल्मोड़ा की ओर से इमरोज खान ने पैरवी की।
अदालत का फैसला
जिस पर न्यायालय से प्रार्थना कि और अभियुक्त के खिलाफ दांडिक कार्यवाही अमल में लाकर परिवादी को उपरोक्त चैक की धनराशि मुब० 2,00,000/- रू० मय हैजाना अभियुक्त से दिलवाने की मांग की। जिस पर अदालत ने अभियुक्त रमेश सिंह नगरकोटी पुत्र श्री किशन सिंह नगरकोटी निवासी मकान नं0 2436 कृष्णा स्वीट्स धारानौला, अल्मोडा पोस्ट, तहसील व जिला अल्मोड़ा को धारा-138 परकाम्य लिखत दोषसिद्ध किया है। दोषसिद्ध को धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अपराध के अन्तर्गत छः माह के साधारण कारावास की सजा एवं मुबलिक रू. 2.20,000/- (दो लाख बीस हजार रूपये) मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा। अधिरोपित अर्थदण्ड में से धनराशि मुबलिक रू. 2.15,000/- (दो लाख पन्द्रह हजार रूपये) परिवादी को प्रतिकर के रूप में अदा किये जायेंगे तथा शेष धनराशि मुबलिक रू. 5,000/- (पांच हजार रूपये) अर्थदण्ड के रूप में राजकीय कोष में जमा किये जायेंगे।