इच्छामृत्यु किसी गंभीर और लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए डॉक्टर की सहायता से उसके जीवन का अंत करना है। भारत में इच्छा-मृत्यु और दया मृत्यु दोनों ही अवैधानिक कृत्य हैं क्योंकि मृत्यु का प्रयास, जो इच्छा के कार्यावयन के बाद ही होगा, वह भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 309 के अंतर्गत आत्महत्याका अपराध है। वही अब न्यूजीलैंड में रविवार सुबह से इच्छा मृत्यु वाला कानून लागू हो गया है।
यह रखी है शर्त-
इससे पहले इच्छा मृत्यु को कानूनी दर्जा कोलंबिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, लग्जमबर्ग, स्पेन, नीदरलैंड और स्विटरजलैंड जैसे देशों में दिया गया था। इन देशों की तरह न्यूजीलैंड में भी शर्त रखी गई हैं। जिसमें यह कहा गया है कि यहां केवल उन्हीं लोगों को अपनी मर्जी से मरने की अनुमति मिलेगी, जो टर्मिनल इलनेस से ग्रसित हैं। यानी ऐसी बीमारी जो अगले छह महीने में जिंदगी खत्म कर देती है। इसके साथ ही इस प्रक्रिया के लिए कम से कम दो डॉक्टरों की सहमति अनिवार्य है। इस कानून पर कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।