विश्व शौचालय दिवस : स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन ने पूरा किया हर घर शौचालय का लक्ष्‍य

हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 2013 में विश्व शौचालय दिवस की घोषणा की थी। विश्व में सभी लोगों को 2030 तक सभी लोगों को शौचालय उपलब्ध करवाना संयुक्त राष्ट्र के 6 सतत विकास लक्ष्यों का हिस्सा है। विश्व की एक बड़ी आबादी खुले में शौच करने को मजबूर है। यह दिवस स्वच्छता से जुड़े कलंक तोड़ने और उससे संबंधित मुद्दों को सहयोग देने के लिए विश्व में लोगों एवं समुदायों को शामिल और शिक्षित करने प्रयास करता है। इस बार की थीम सस्टेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज है।

गांधी जयंती के दिन पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी

देश के भी खुले में शौच से मुक्त करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 में गांधी जयंती के दिन पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इस मिशन को दो भागों में बांटा गया था। पहला स्वच्छ भारत ग्रामीण, इसके तहत गांव के हर घर में शौचालय बना कर खुल में शौच मुक्त बनाने से मुक्त करना था। दूसरा था स्वच्छ भारत शहरी, इसके तहत घरों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर भी शौचालय हो, ये सुनिश्चित करना इस मिशन का उद्देश्य है।

खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने की उपलब्धि हासिल की

हाल ही में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण ने निर्धारित समय से पहले ही खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने की उपलब्धि हासिल की और इसे जन आंदोलन में परिवर्तित कर ग्रामीण भारत की रूप-रेखा बदल दी है। उन्होंने बताया कि इस असाधारण सफलता को आगे बढ़ाते हुए, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण को इस वर्ष के प्रारंभ में शुरू किया गया है, जो ओडीएफ स्थिरता तथा ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य गांवों में व्यापक स्वच्छता बनाये रखना है।

प्रयासों की सफलता का बखान भी करते हैं

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उल्लेख किया कि पिछले एक साल में आयोजित एसएसएसएस, एसएसए और जीएमबी जैसे बड़े अभियान सामुदायिक शौचालयों और एसएलडब्ल्यूएम के इस्तेमाल पर ज़ोर देते हैं और ये खुले में शौच मुक्त होने के उद्देश्यों को प्राप्त करने के प्रयासों की सफलता का बखान भी करते हैं।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दिए जा रहे पुरस्कार जन आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए समुदाय के सदस्यों द्वारा किए गए योगदान की भरकस सरहाना करते हैं।