उत्तराखंड: देव डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल पर विराजमान होने पर शीतकालीन यात्रा शुरू

उत्तराखण्ड: चारों धामों के कपाट बंद होने और देव डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होने के बाद शीतकालीन यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है। अब भक्त शीतकालीन मंदिरों में आकार अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भक्त किसी कारणवश केदार और मद्महेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाता है, उसे ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन करने से पंच केदारों के दर्शन का पुण्य अर्जित होता है।

भगवान शिव ने ओमकार रूप में दिए दर्शन

ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि महाराज मानधाता को भगवान शिव ने यहां ओमकार रूप में दर्शन दिए थे। जिसके बाद इस मंदिर का नाम ओंकारेश्वर पड़ा‌। जो भक्त ओंकारेश्वर के दर्शन करता है, उसे पांचों केदारों के दर्शनों का लाभ पुण्य अर्जित होता है। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ भगवान केदारनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर का शीतकालीन गद्दीस्थल है। इसके अलावा यहां तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रूद्रनाथ और पंच केदार कल्पेश्वर की भी पूजा होती है।