अल्मोड़ा: एसएसजे विश्वविद्यालय एवं अल्मोड़ा फॉरेस्ट डिवीजन के बीच ऐतिहासिक एमओयू हस्ताक्षर किए गए, कुलपति प्रो. भंडारी ने कहा की पर्यावरण अध्ययन को लेकर ऐतिहासिक शुरुआत

माननीय कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा और अल्मोड़ा वन डिवीज़न के बीच दोनों संस्थानों के लिए लाभदायी और मैत्रीपूर्ण सहयोग के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट और अल्मोड़ा वन विभाग के जिला वनाधिकारी इंजीनियर महातिम यादव ने एम.ओ.यू. में हस्ताक्षर कर ऐतिहासिक शुरुआत की।

दोनों ही संस्थान आपसी सहयोग से अकादेमिक और शोध गतिविधियों के लिए कई बिंदुओं पर कार्य कर सकेंगे

अब दोनों ही संस्थान आपसी सहयोग से अकादेमिक और शोध गतिविधियों के लिए कई बिंदुओं पर कार्य कर सकेंगे। वन विभाग के बहुत पुराने महत्वपूर्ण दस्तावेजों  का डिजिटल रूप में संरक्षण किया जाएगा, अकादेमिक गतिविधियों के संचालन, सेमिनार,सिम्पोजियम,व्याख्यान आदि के संचालन, वानिकी क्षेत्र में वोकेशनल कोर्स संचालित कर जन संसाधनों के आदान-प्रदान, बलदोठी क्षेत्र, वन पंचायतों के विकास एवं उनका अध्ययन , वन पंचायतों के जी.आई.एस. मैपिंग,  वानिकी क्षेत्र के विकास में शोध के आदान-प्रदान आदि के साथ पर्यावरण एवं वन संरक्षण, जल संवर्धन, ऐतिहासिक दस्तावेजों के आदान-प्रदान एवं संरक्षण के संचालन आदि के लिए यह एमओयू हस्ताक्षर किए गए हैं।
कुलसचिव डॉ देवेंद्र बिष्ट ने एमओयू के संबंध में विभिन्न पैरा की जानकारी दी।

जिला वनाधिकारी इंजीनियर महातिम यादव ने  इस अवसर पर कहा कि हमारे जंगल क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। दोनों के बीच इस करार से अब कई बिंदुओं पर एक साथ कई गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। जो शोध की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।
एमओयू कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि आज पर्यावरण संरक्षण, जल संवर्धन के लिए प्रयास किया जाना अत्यंत आवश्यक है।  विश्वविद्यालय और जिला वन प्रभाग, दोनों ही संस्थाओं के परस्पर सहयोग से विश्वविद्यालय में शोध कार्य,  कई दशकों के महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों का संरक्षण आदि से विद्यार्थियों एवं अनुसंधाताओं को अवसर प्राप्त होगा। यह हमारे विश्वविद्यालय एवं जिले के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने आगे कहा कि वन एवं पंचायतों से संबंधी दस्तावेजों का अध्ययन कर तथ्यों को प्रकाश में लाया जा सकेगा। जिससे विकास में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और वन विभाग के बीचएमओयू होने से हमारे विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति चेतना विकसित होगी।हमारे विश्वविद्यालय के शोधार्थी वन विभाग का सहयोग लेकर पर्यावरण, ग्राम पंचायतों, जल, जैव-विविधता आदि का अध्ययन कर सकेंगे और उस अध्ययन से ग्राम विकास भी होगा।

दोनों संस्थानों के बीच प्रस्तावित होने वाली गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी

इस अवसर पर वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो अनिल कुमार यादव ने भविष्य में दोनों संस्थानों के बीच प्रस्तावित होने वाली गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमओयू होने से हमारे विद्यार्थी  शोध क्षेत्र में विशेष कार्य कर उपलब्धि हासिल करेंगे। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार जताया।

यह रहे उपस्थित

इस अवसर पर इंजी. महातिम यादव (डी.एफ.ओ., अल्मोड़ा), डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट( कुलसचिव), प्रो.अनिल कुमार यादव  (निदेशक, ग्रीन ऑडिट), प्रो. शेखर चंद्र जोशी (अधिष्ठाता शैक्षिक), प्रो.प्रवीण सिंह बिष्ट (अधिष्ठाता प्रशासन), प्रो. पुष्पा अवस्थी (संकायाध्यक्ष,कला), प्रो. वी.आर. ढौडियाल(संकायाध्यक्ष,शिक्षा), प्रो जया उप्रेती (संकायाध्यक्ष,विज्ञान), डॉ. धनी आर्या (वनस्पति विज्ञान), डॉ. विभाष कुमार मिश्रा (उप पुस्तकालयाध्यक्ष), डॉ.मनमोहन कनवाल (वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान), डॉ. ललित चंद्र जोशी (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी), देवेंद्र पोखरिया (वैयक्तिक सहायक), गोविंद मेर, शेर सिंह बघरी मौजूद रहे।