बागेश्वर के कांडा स्थित जोगाबाड़ी गुफा को पर्यटन से जोड़ने की कदमताल शुरू हो गई है। गुफा के विकास और पहुंच मार्ग के लिए पर्यटन विभाग ने 47.43 लाख रुपये का आगणन तैयार कर लिया है। जिसे वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को भेजा गया है।
गुफा को पर्यटन से जोड़ने का निर्णय:
चार अप्रैल 2011 में कालिका मंदिर के प्रधान सेवक अर्जुन सिंह माजिला ने कल्याण शिव सुंदर जोगाबाड़ी गुफा की खोज की। उसके बाद सात मई 2011 को तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्र सिंह नपच्याल निरीक्षण को पहुंचे। वह गुफा की सुंदरता और झरने से ओतप्रोत हो गए। उन्होंने गुफा को पर्यटन से जोड़ने का निर्णय लिया।
पर्यटन विभाग को आगणन तैयार करने के दिए निर्देश:
उनके तबादले के बाद तीन मई 2017 को डीएम मंगेश घिडिल्याल ने गुफा का रुख किया। वहां मौजूद कलाकृतियों से वह भी अभिभूत हुए। उन्होंने पर्यटन विभाग को आगणन तैयार करने के निर्देश दिए। 2020 में गुफा के ठीक ऊपर एक मैदान तैयार किया गया। जिसमें हेलीकाप्टर भी उतर सकता है।
16 मार्च 2021 को वर्तमान जिलाधिकारी विनीत कुमार ने भी गुफा का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि गुफा तक पहुंच मार्ग और विकास के लिए पर्यटन विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
सुविधाएं नहीं होने से इसका लाभ नहीं मिल रहा है:
सरकारी कागजों की फाइल सरकते हुई अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तक पहुंच गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुफा को देखने के लिए पर्यटकों की आवाजाही तो बढ़ गई है, लेकिन सुविधाएं नहीं होने से उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
वित्तीय स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजा:
यदि गुफा को विकास हुआ तो स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा होगा। इधर, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ती चंद्र आर्य ने बताया कि ब्रिडकुल ने 47.43 लाख रुपये का आगणन बनाया है। जिसे वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया है।