राष्ट्रीय महिला आयोग ने मानव-तस्करी के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने में सुधार करने, महिलाओं एवं लड़कियों के बीच जागरूकता बढ़ाने, मानव-तस्करी रोधी इकाइयों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण में वृद्धि करने और कानून का प्रवर्तन कराने वाली एजेंसियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए रविवार को एक मानव-तस्करी रोधी प्रकोष्ठ का शुभारंभ किया।
अधिकारियों के बीच जागरूकता बढ़ेगी
मानव-तस्करी रोधी प्रकोष्ठ की स्थापना कानून का प्रवर्तन कराने वाले अधिकारियों के बीच जागरूकता बढ़ाने और उनकी क्षमता निर्माण में वृद्धि करने के उद्देश्य से की गई है। यह प्रकोष्ठ क्षेत्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पुलिस अधिकारियों और अभियोजकों को लैंगिक समानता के प्रति संवेदनशील बनाने और मानव-तस्करी से निपटने में सक्षम करने के लिए प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। आयोग को मिलने वाली मानव-तस्करी से संबंधित शिकायतों का समाधान इस प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा।
असंवेदनशील रवैया शामिल
राष्ट्रीय महिला आयोग ने यह पाया है कि मानव-तस्करी से निपटने के रास्ते में आने वाली प्रमुख समस्याओं में पीड़ितों के लिए पुनर्वास का अभाव और इस अवैध व्यापार से बचाए गए लोगों एवं उनके परिवारों के प्रति असंवेदनशील रवैया शामिल है। इसलिए, यह प्रकोष्ठ निगरानी तंत्र में सुधार करेगा और मानव-तस्करी की रोकथाम तथा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए अपनाए जा रहे उपायों के संबंध में सरकारी एजेंसियों को प्रोत्साहित करेगा।
यह प्रकोष्ठ मानव-तस्करी से बचाए गए लोगों को आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करके और उनके घावों को फिर से हरा होने से रोकने के उद्देश्य से उनके लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करके उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करेगा।