राम नवमी को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। धार्मिक पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है।
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें। इस दिन व्रत का भी विशेष महत्व है इस दिन हवन करने और कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है । मान्यता है कि यदि इस दिन विधि-विधान से हवन-पूजन किया जाए और श्री राम की पूजा की जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं । भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें । आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
खरीदारी का शुभ मुहर्त
राम नवमी 10 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी, जो कि 11 अप्रैल को देर रात करीब सवा तीन बजे समाप्त होगी । रामनवमी पर सुकर्मा और धृति योग भी बन रहा है । सुकर्मा योग 11 अप्रैल को दोपहर 12.04 तक रहेगा । इसके बाद धृति योग शुरू होगा । नया कार्य शुरू करने या खरीदारी के लिए ये मुहूर्त बहुत शुभ माना जाता है ।