यहां प्रेमी- प्रेमिका की मौत के बाद उनका विवाह कराया गया । दोनों की शादी के पश्चात उनका अंतिम संस्कार किया गया और पति पत्नी की पहचान देकर एक ही चिता में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया ।
जाने पूरा मामला
जानकारी के अनुसार यह घटना झारखंड के घाटशिला स्थित धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र की है । बता दें कि चार चक्का गांव निवासी माधा सोरेन का 20 वर्षीय पुत्र लक्ष्मण पास के गांव उलदा निवासी एक व्यक्ति की बेटी के साथ प्रेम प्रसंग था ।और दोनों प्रेमी प्रेमिका रिश्ते में दूर के भाई बहन लगते थे । दोनों ही परिवार को ये रिश्ता ना मंजूर था । क्योंकि लड़की नाबालिग भी थी वह कक्षा 9 में पढ़ती थी । इसके बाद युवक को लड़की से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी । युवक को काम करने कश्मीर भेज दिया गया था । यहां कुछ महीने काम करने के बाद कुछ दिन पहले युवक लक्ष्मण अपने गांव आया था । इसके बाद युवक अपने किसी रिश्तेदार के वहां गया हुआ था और लड़की भी 9 वीं कक्षा की परीक्षा देने निकली । जब रात होने तक लड़की घर नहीं आयी तो उसके परिवारजन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई और युवक पर ही भगा ले जाने का आरोप लगाया । प्रेमी युगल को पुलिस द्वारा परिवार पर दबाव बनाने की जानकारी मिली तो दोनों ने एक साथ ट्रेन के नीचे कूदकर जान दे दी ।
प्रेमी युगल की शादी किये जाने की बात पर रजामंदी हुई
सूचना मिलते ही दोनों के परिवारजन और पुलिस मौके पर पहुंचे । और पोस्टमार्टम के बाद लड़की के पिता ने शव को लेने से इंकार कर दिया । इसके बाद प्रधान-मुखिया के साथ बैठक हुई और दोनों प्रेमी युगल की शादी किये जाने की बात पर रजामंदी हुई । फिर दोनों प्रेमी युगल की विधिवत शादी करा दी गयी । वो सब रस्मे की गयी जो आदिवासी रिती-रिवाजों में की जाती है । प्रेमी के हाथों प्रेमिका की मांग में सिंदूरदान की रस्म हुई । सुहाग की चूड़ियां पहनायी गई । विवाह की सारी रस्मों के बाद दोनों के शवों को एक ही चिता बनाकर साथ लिटाया गया और अंतिम संस्कार किया गया ।और इसके बाद लड़के के परिवार वाले दोनों को पति-पत्नी ही मानकर उनका श्राद्ध कर्म संपन्न किया जा रहा है ।