योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर दो दिवसीय विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
100 से अधिक प्रतिभागियों ने किया प्रतिभाग-
इस कार्यशाला के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में योग विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी व योग शिक्षक रजनीश जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर तथा योग विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
प्राकृतिक चिकित्सा का बढ़ता महत्व-
इसके पश्चात कार्यशाला के द्वितीय सत्र में योग विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा का परिचय देते हुए वर्तमान समय में प्राकृतिक चिकित्सा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया तत्पश्चात जल चिकित्सा के विभिन्न प्रयोगात्मक अभ्यासों का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके अंतर्गत नेत्र स्नान, रीढ़ स्नान, कटि स्नान, माथे की गीली पट्टी, आंख की गीली पट्टी, गले कि गीली पट्टी, गरम पट्टी तृतीय सत्र में गरम पाद स्नान, मेहन स्नान, वाष्प स्नान, स्थानीय वाष्प स्नान, गीली चादर लपेट का प्रशिक्षण दिया गया।
छात्र-छात्राओं को दिया विभिन्न प्रयोगात्मक अभ्यासों का प्रशिक्षण-
कार्यशाला के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में छात्र छात्राओं को अग्नि एवम पृथ्वी तत्व चिकित्सा का परिचय दिया गया तत्पश्चात द्वितीय सत्र में सिर कि मिट्टी कि पट्टी , आंख की मिट्टी की पट्टी , कान की मिट्टी कि पट्टी , मिट्टी का फेस पैक, पंक स्नान, सर्वांग मिट्टी स्नान, तथा तृतीय सत्र में सूर्य किरण चिकित्सा , सूर्य स्नान, रंग चिकित्सा, मसाज चिकित्सा आदि विभिन्न प्रयोगात्मक अभ्यासों का प्रशिक्षण दिया गया। समापन सत्र में योग विज्ञान विभाग के शिक्षक रजनीश जोशी ने बताया कि योग विज्ञान विभाग का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विगत 2 वर्षों से प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए आम जनमानस कैसे अपने रोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से दूर कर सकता है इसका प्रशिक्षण देते आ रहा है, इसके अतिरिक्त लल्लन कुमार, विश्वजीत वर्मा, मोनिका बंसल, विद्या नेगी, ने भी प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय अनुप्रयोग विषय पर अपने विचार रखें।