चम्पावत जनपद के ग्राम बिनवाल गाँव, रीठा साहिब(चम्पावत) निवासी और वर्तमान में बंगलुरु में रह रहे देवेश चन्द्र बिनवाल को बधाई दीजिए।
ट्रांजिशन मेटल डाईकैल्कोजेनाइड्स और हैलाइड पेरोव्स्काइट्स पर आधारित शोध
उन्होंने वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। देवेश ने जवाहरलाल नेहरू केन्द्र उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान (जे.एन.सी.ए.एस.आर.), बेंगलुरु से पदार्थ विज्ञान (मैटीरियल साइंस) विषय में अपना पी.एच.डी. शोध कार्य पूर्ण किया है। उन्हें हाल ही में पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई है और वे वर्तमान में इसी संस्थान में रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्यरत हैं। उनका शोध विख्यात वैज्ञानिक प्रो. सी. एन. आर. राव (एफ.आर.एस.) तथा डा. प्रताप विश्नोई के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल विश्वविद्यालय में विजिटिंग पी.एच.डी. छात्र के रूप में भी शोध कार्य किया। उनका शोध मुख्य रूप से ट्रांजिशन मेटल डाईकैल्कोजेनाइड्स और हैलाइड पेरोव्स्काइट्स पर आधारित है, जिनके माध्यम से उन्होंने नई सामग्री संरचनाएँ विकसित कर उनकी हाइड्रोजन उत्क्रमण अभिक्रिया (एच.ई.आर.) गतिविधियों, प्रकाशीय एवं चुंबकीय गुणों का अध्ययन किया। उनके 10 से अधिक शोध-पत्र जर्नल ऑफ द अमेरिकन केमिकल सोसाइटी, केमिकल साइंस, केमिस्ट्री ऑफ मटेरियल्स जैसे प्रतिष्ठित अन्तरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके शोध-पत्रों को मुखपृष्ठ लेख (कवर आर्टिकल) जैसी विशेष मान्यताएँ भी प्राप्त हुई हैं।
देवेश को डीएसटी-इंस्पायर फेलोशिप, शेख साक्र जूनियर फेलोशिप, गेट फेलोशिप और एसईआरबी की इंटरनेशनल ट्रैवल सपोर्ट जैसी प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं।
चम्पावत व पूरे कुमाऊं के साथ-साथ सम्पूर्ण उत्तराखण्ड गौरवान्वित
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.एससी. (ऑनर्स) रसायन विज्ञान (2013–2016), कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से एम.एससी.रसायन विज्ञान (2016–2018), JNCASR, बेंगलुरु से एम.एस. (इंजीनियरिंग) (2019–2021) पूर्ण करने के बाद अब वहीं से पीएच.डी. (2021–2025) प्राप्त की है। देवेश के पिता नरेश चन्द्र बिनवाल राजकीय इंटर कॉलेज, शक्तिफार्म (उधम सिंह नगर) में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं व माता रेवती बिनवाल गृहणी हैं।