केंद्र सरकार देश के हर जिले में एम्स और मेडिकल कॉलेज की स्थापना करेगी। यह बात पीएम मोदी ने 7 मार्च 2022 को ”जनऔषधि दिवस” के मौके पर कही है। ऐसा भी नहीं है कि देश में इससे पहले मेडिकल क्षेत्र को अनदेखा किया जाता रहा हो। लेकिन हां, कोविड महामारी में उपजे हालातों ने बहुत कुछ बदलकर जरूरत रख दिया। इसलिए आज यह आने वाले समय की मांग बन गया है। तभी तो केंद्र सरकार का मेडिकल क्षेत्र पर मुख्य फोकस है। केंद्र सरकार अब भविष्य में सामने आने वाली ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है।
आज देश में 22 एम्स
आज देश में 22 एम्स काम कर रहे है। यानि अब देश में गरीबों को आसानी से इलाज मुहैया होगा। केवल इतना ही नहीं केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का है। वर्तमान में देश में 562 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 286 सरकारी क्षेत्र में हैं, जबकि 276 निजी क्षेत्र में हैं। अन्य 175 मेडिकल कॉलेज भी विकास की प्रक्रिया में हैं। 2013-14 में 52,000 एमबीबीएस सीटों के मुकाबले अब 84,000 यूजी सीटें हैं। कई चिकित्सा आयोग भी स्थापित किए जा रहे हैं। देश में लगभग 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी फीस
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस लगेगी। उससे ज्यादा पैसे फीस के नहीं लिए जा सकते हैं। इससे गरीबों और मध्यम वर्ग के बच्चों के करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपए बचेंगे।
मातृभाषा में मेडिकल एजुकेशन
केवल इतना ही नहीं, अब स्टूडेंट अपनी मातृभाषा में मेडिकल एजुकेशन प्राप्त कर सकेंगे, टेक्निकल एजुकेशन ले सकेंगे। यानि जिस कारण से गरीब का बच्चा भी, मध्यम वर्ग का बच्चा भी, निम्न-मध्यम वर्ग का बच्चा भी, स्कूल में अंग्रेजी में नहीं पढ़े हैं, अब वे बच्चे भी अब डॉक्टर बन सकेंगे। यानि मेडिकल के क्षेत्र में एक नई क्रांति को जन्म देगा। इस प्रकार केंद्र सरकार के फैसले जनमामान्य के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
157 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति
योजना के तहत उन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाते हैं, सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। इस मामले में वंचित, पिछड़े, आकांक्षी जिलों को वरीयता दी जाती है। योजना के तीन चरणों के तहत 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 63 मेडिकल कॉलेज पहले से ही काम कर रहे हैं। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत स्थापित किए जा रहे 157 नए कॉलेजों में से 39 आकांक्षी जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं।
मेडिकल की पढ़ाई की ख्वाहिश रखने वाले लाखों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स
देश में जब हर जिले में एम्स और मेडिकल कॉलेज होगा तो मेडिकल की पढ़ाई की ख्वाहिश रखने वाले लाखों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के भी सपने पूरे होंगे। अभी इस क्षेत्र में कम सीटें होने के कारण बहुत ज्यादा कम्पटीशन रहता है। इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में मेडिकल की सीट बढ़ने से देश को और अधिक डॉक्टर मिलेंगे।