अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। जिले के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। देहरादून से संचालित होने वाली 1962 एंबुलेंस सेवा का नियंत्रण अब पशु विभाग के पास होगा। पशु चिकित्सक बीमार पशुओं के उपचार के लिए प्राथमिकता के आधार पर एंबुलेंस भेज सकेंगे।
इससे समय पर बीमार पशु का इलाज होने से पशुओं की बचाई जा सकेगी जान
जिले में ताड़ीखेत, सल्ट, द्वाराहाट, लमगड़ा विकासखंड के पशुपालकों को घर बैठे उनके बीमार पशु के इलाज के पशुपालन विभाग ने 1962 मोबाइल एंबुलेंस सेवा शुरू की है। अब तक देहरादून से संचालित एंबुलेंस सेवा का खास लाभ पशुपालकों को नहीं मिल रहा था। सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक ही एंबुलेंस का संचालन होने से इस अवधि के बाद बीमार पशुओं के उपचार के लिए पशुपालक अस्पताल के चक्कर काटने के लिए मजबूर थे।
रात्रि के समय पशुपालकों के घर पहुंचेगी एंबुलेंस सेवा
सरकार ने संज्ञान लेते हुए एंबुलेंस सेवा के संचालन की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग को दी है। बकायदा सेवा संचालन के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बीमार पशुओं की गंभीरता के मुताबिक एंबुलेंस भेजेंगे। एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक, फार्मासिस्ट, पशुधन सहायक तैनात रहेंगे। इससे अब रात के समय भी बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशुपालकों के घर एंबुलेंस पहुंचने से उन्हें राहत मिलेगी।
पूर्व की तरह ही टोल फ्री नंबर पर दर्ज होगी शिकायत
पशुपालकों को अब भी अपनी शिकायत टोल फ्री नंबर 1962 पर देनी होगी जो देहरादून में दर्ज होगी। अब कंट्रोल रूम से सीधे संबंधित ब्लॉक के नोडल अधिकारी से संपर्क होगा और वह प्राथमिकता तय कर सकेंगे। गंभीर रूप से बीमार पशु के उपचार के लिए एंबुलेंस पहले भेजी जाएगी। हल्के बीमार पशु का उपचार बाद में होगा। इससे साफ है कि अब एंबुलेंस का नियंत्रण विभाग के पास होगा।
ब्लॉक में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारियों को बनाया गया नोडल अधिकारी
डॉ. डीके शर्मा, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अल्मोड़ा ने बताया कि शासन से जारी निर्देश के अनुसार चार ब्लॉक में संचालित एंबुलेंस सेवा का नियंत्रण पशुपालन विभाग को दिया गया है। इसके लिए ब्लॉक में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारियों को नोडल बनाया गया है। पशुपालकों को घर बैठे ही पशुओं के इलाज की सुविधा मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।