योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर तीन दिवसीय विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट व योग शिक्षक लल्लन कुमार, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी व योग शिक्षक रजनीश जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर तथा योग विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यशाला का उदघाटन किया।
प्राकृतिक चिकित्सा की प्रासंगिकता पर डाला गया प्रकाश
इसके पश्चात कार्यशाला के द्वितीय सत्र में योग विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा का परिचय देते हुए वर्तमान समय में प्राकृतिक चिकित्सा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया तत्पश्चात जल चिकित्सा के विभिन्न प्रयोगात्मक अभ्यासों का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके अंतर्गत मर्म चिकित्सा व मर्म चिकित्सा के बिंदु का परिचय देते हुए किस प्रकार मर्म बिंदु हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं, माथे की गीली पट्टी, आंख की गीली पट्टी, गले कि गीली पट्टी, गरम तृतीय सत्र में, गरम पाद स्नान, मेहन स्नान, वाष्प स्नान, स्थानीय वाष्प स्नान, गीली चादर लपेट का प्रशिक्षण दिया गया।
दूसरे दिवस में प्रयोगात्मक अभ्यासों का दिया गया प्रशिक्षण
शिविर के दूसरे दिन गिरीश अधिकारी द्वारा प्रथम सत्र में छात्र छात्राओं को अग्नि एवं जल तत्व चिकित्सा का परिचय दिया गया तत्पश्चात द्वितीय सत्र में रंग चिकित्सा ,छाती की गीली पट्टी एवं लपेट और घुटने की गीली पट्टी में लपेट, गले की गीली पट्टी में लपेट तथा तृतीय सत्र में सूर्य किरण चिकित्सा, मसाज चिकित्सा वैकल्पिक चिकित्सा आदि विभिन्न प्रयोगात्मक अभ्यासों का प्रशिक्षण दिया गया।
गिरीश अधिकारी द्वारा किया गया शिविर का संचालन
तृतीय दिवस के प्रथम सत्र में मिट्टी चिकित्सा का परिचय दिया गया इसके उपरांत द्वितीय सत्र में मिट्टी चिकित्सा के अंतर्गत आने वाली चिकित्सा पद्धतियों में पंक स्नान, पेट की गीली मिट्टी की पट्टी , फेस पेक, मेरुदंड की गीली मिट्टी की पट्टी। तीन दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का संचालन व प्रशिक्षण प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ गिरिश अधिकारी द्वारा किया गया।
योग विज्ञान विभाग का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विगत 2 वर्षों से इस क्षेत्र में निभा रहा है अहम भूमिका
तृतीय सत्र समापन समारोह में योग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन चंद्र भट्ट ने बताया कि योग विज्ञान विभाग का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र विगत 2 वर्षों से प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए आम जनमानस कैसे अपने रोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से दूर कर सकता है इसका प्रशिक्षण देते आ रहा है, तथा योग शिक्षक रजनीश जोशी,लल्लन कुमार, विश्वजीत वर्मा, मोनिका बंसल, विद्या नेगी, ने भी प्राकृतिक चिकित्सा के ऊपर अपने विचार रखें।
देश के अनेक राज्यों से आए छात्र छात्राओं ने लिया प्रशिक्षण
इस दो दिवसीय कार्यशाला में देश के अनेक राज्यों से छात्र-छात्राएं प्राकृतिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लेने के लिए आए हुए थे साथ ही प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं ने पाया कि तुरंत ही सिर दर्द, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, कमर दर्द, सर्वाइकल, जैसे रोगों पर प्राकृतिक चिकित्सा तुरंत ही अपना प्रभाव छोड़ते हुए ऐसे असाध्य रोगों के लिए रामबाण का काम कर रही है,
प्रतिभागी उपस्थित रहे
तीन दिवसीय कार्यशाला में भावेश पांडे, नितिन पांडे बबीता कांडपाल, आरती कनवाल , हर्षिता नेगी ,लता,बबीता कांडपाल, आरती कनवाल, ममता किरौला, बबीता सुप्याल, अजय सिंह सिराडी, सूरज बिष्ट, दीपक सिंह रावत, भावेश पांडे, अमितेश सिंह, दीपिका पुनेठा, गीतांक्षी तिवारी, योगिता मेहरा, योगेश पांडे ,शिवम कुमार ,आदि विकास जोशी, हेमंती बोरा, विवेक भट्ट, हर्षिता पुनेठा , कुणाल बिष्ट,आदि प्रतिभागी उपस्थित रहे।