अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां चौखुटिया में पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। मिशन कामधेनु के तहत इसको लेकर हुई बैठक में तहसील स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है।
कमेटी प्रत्येक रविवार को दो ग्राम पंचायतों में पशुओं का करेगी सत्यापन
लावारिस पशुओं की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने नया तरीका अपनाते हुए मिशन कामधेनु की शुरूआत की है जिसका श्रीगणेश चौखुटिया तहसील से किया गया है। इसके तहत पशुओं को लावारिस छोड़ने व जंगल में भगा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर एसडीएम जयवर्धन शर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में उनके नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है। जो प्रत्येक रविवार को ब्लॉक के दो गावों में जाकर पंजीकृत पशुओं का सत्यापन करेगी। जिन पशु पालकों ने अपने पशुओं को बेचा है वह ग्राम प्रधान के माध्यम से सत्यापित प्रमाण पत्र दिखा सकते हैं परंतु जिन लोगों के गौशाला या घरों में पंजीकृत पशु नहीं मिलेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई के साथ ही उनसे दो हजार रुपये का अर्थदंड वसूला जाएगा।
इस प्रयोग को पूरे जिले में लागू करने की कही बात
कमेटी में एसडीएम के अलावा तहसीलदार विवेक राजौरी, बीडीओ दिलमणी जोशी, ईओ नगर पंचायत विजय कनवासी व पशु चिकित्सक डाॅ.आरएन मौर्य को शामिल किया गया है। इसमें ब्लाॅक प्रमुख किरन बिष्ट, संबंधित बीडीसी सदस्यों व प्रधानों का भी सहयोग लिया जाएगा। इस प्रयोग को पूरे जिले में लागू करने की बात कही जा रही है।
पशुओं की जांच कर प्रति सप्ताह रिपोर्ट करेंगे सम्मिलित
बैठक में पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया की विकासखंड अंतर्गत सभी पशुओं के पंजीकरण संख्या पते के साथ थानाध्यक्ष एवं तहसीलदार चौखुटिया को मुहैया करवाएंगे ताकि तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन प्रत्येक गांव में पशुपालन द्वारा चिन्हित किए गए पशुओं की जांच कर प्रति सप्ताह रिपोर्ट सम्मिलित करेंगे। इधर ब्लाॅक प्रमुख बिष्ट ने लावारिस पशुओं द्वारा कृषि को नुकसान पहुंचाए जाने की बात रखी।
मौजूद रहे
बैठक में एसओ अवनीश कुमार आदि मौजूद रहे।