अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। दिनांक 05/09/2025 को देघाट क्षेत्र निवासी वादी गोपाल दत्त द्वारा तहरीर दी गई। उनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बैक धोखाधड़ी में शामिल होने का डर दिखाकर 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 18 लाख 30 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर दी है,जिस पर तत्काल थाना देघाट में एफआईआर 18/2025 धारा 61(2)/308(5)/318(4) BNS पंजीकृत की गई।
पुलिस टीम का गठन
इसी क्रम में एसएसपी देवेन्द्र पींचा द्वारा संबंधितों को निर्देशित कर पुलिस टीम का गठन किया गया और साइबर ठगी के गिरोह को दबोचने के लिये आवश्यक कार्यवाही शुरु की गई। एसएसपी द्वारा गठित पुलिस टीम को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जा रहे थे। निरीक्षक भुवन जोशी प्रभारी एसओजी व थानाध्यक्ष देघाट अजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में गठित थाना देघाट व एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा आवश्यक सुरागरसी-पतारसी की गई तथा साईबर सेल प्रभारी राहुल राठी के नेतृत्व में साइबर टीम द्वारा गिरोह के बारे में आवश्यक जानकारी जुटाई गई। दोनों टीमों के सयुक्त प्रयास से दिनांक 14/10/2025 को बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करने वाले 01अभियुक्त साहिल कुमार उम्र 24 वर्ष पुत्र कृष्ण कुमार निवासी वार्ड नं0-14 शिवबाड़ी रोड सूरतगढ़ जिला श्रीगंगानगर राजस्थान को राजस्थान सूरतगढ़ से गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इस गिरोह के अन्य संलिप्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है,साइबर ठगी गिरोह की चेन का पता लगाकर गिरफ्तार करने के प्रयास जारी है।
साइबर ठगों ने ऐसे किया था डिजिटल अरेस्ट
हैलो मैं क्राइम ब्रांच ऑफिसर बोल रहा हूँ…… दि0- 25.08.2025 को वादी गोपाल दत्त को एक अज्ञात कालर द्वारा व्हाट्सप वीडियो काल एवं व्हाट्सप वाइस काल करके बताया जाता है कि आपका फोन नम्बर गलत काम में प्रयोग किया जा रहा हैं। इसको क्लियरेशन करने के लिये मैं आपके नंबर को क्राइम ब्रांच को दे रहा हूं। तभी तुरंत ही एक और वीडियो काल आती है और उसके द्वारा बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन दिल्ली बोल रहे है और कहने लगे कि आप नरेश अग्रवाल नाम के व्यक्ति से धोखाधड़ी के मामले में मिले हुए हैं। जिसने बैंक के मामले में बहुत बड़ी धोखाधड़ी कर रखी हैं। उसके साथ आप भी मिले हुए हो। जिस कारण आपके ऊपर मनी लांड्रिग का केस बनता हैं। आपको इसी समय डिजिटल एरेस्ट किया जा रहा है,आपको किसी से कोई बात नही करनी और जेल डालने की धमकी देने लगे फिर घऱ में सामान जेवर, बैंक में कैश के बारे में पूछताछ करने लगे। वादी की FD भी तुड़वा दी और कहा कि बैंक जाते समय किसी को कुछ मत बताना हमने सादी वर्दी में बैंक के बाहर अपनी पुलिस लगा रखी हैं। किसी को स्याल्दे में कुछ भी नहीं बताना हैं। वादी ने घबराकर 27 और 29 अगस्त 2025 को 18 लाख 80 हजार रुपये साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिये, फिर साइबर ठगों ने कहा कि आपके मामले की जांच चल रही हैं।जांच के बाद आपका पूरा पैसा जल्द से जल्द आपके खाते मे वापस आ जायेगा।
जब वादी के खाते में कई दिनों तक पैसा वापस नही आया। तब उनको साइबर धोखाधड़ी के बारे में पता चला।
एसएसपी अल्मोड़ा की जनमानस से अपील
पुलिस या किसी भी अन्य विभाग में डिजिटल अरेस्ट की कोई कानूनी प्रक्रिया नही है।सभी से अनुरोध है कि साइबर ठगों के झांसे में न आये। यदि कभी भी किसी के साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तत्काल उसकी शिकायत हेल्प लाईन नंबर 1930 में करें। जिससे हमारी साइबर टीम आपकी धनराशि को बचाने की आवश्यक कार्यवाही जल्द कर सके।
पुलिस टीम रहीं शामिल
1. उ0नि0 गंगा राम गोला.थाना देघाट
2. हेड कानि0 अवधेश कुमार,एसओजी अल्मोड़ा
3. कानि0 सुरेन्द्र सिंह,थाना देघाट
4. सर्विलांस टीम