हल्द्वानी से जुड़ी खबर सामने आई है। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर पर लगे बोर्ड पर संरक्षक हुकम सिंह कुंवर के नाम को असामाजिक तत्वों द्वारा पोते जाने पर आक्रोश जताया है।
पत्र में कहीं यह बात
जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा को दी एफआईआर, शिकायती पत्र में हुकम सिंह कुंवर ने लिखा है, वह कानूनी रूप से आज भी पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संरक्षक हैं।उपनिबंधक कार्यालय मांगी गई सूचना के अनुसार वह अप्रैल 2025 तक विधिवत पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संरक्षक है। बावजूद इसके कुछ असामाजिक तत्वों ने हुकम सिंह कुंवर संरक्षक के नाम को मिटा दिया। एसएसपी को दिए पत्र में लिखा गया कि यह मंच के अध्यक्ष व महामंत्री की सहमति से किया गया कृत है। पत्र में लिखा गया है कि अध्यक्ष महामंत्री उन पर जबरन पद छोड़ने का दवाब बना रहे है। उन्होंने आरोप लगाया है मंच के अध्यक्ष महामंत्री ने उनको 12 मार्च को मंच में बुलाकर धमकाने की कोशिश की। कुछ गैर पर्वतीय लोगों को भी एक परिवार विशेष के साथ वहां बुलाकर मेरी सार्वजनिक बेइज्जती की। किसी तरह वह जान बचा कर निकले। ये लोग मुझे डरा धमका रहे हैं। इनसे जान माल का खतरा बना है। यह एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे है।
की यह मांग
कुंवर ने बुधवार को एसएसपी के अलावा नगर मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई को भी पत्र देकर अपनी जान माल की सुरक्षा के साथ साथ मंच में नाम मिटाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। कुंवर ने मंच में पुनः नाम लिखने की भी मांग की है।
बताया दुर्भाग्यपूर्ण
हुकम सिंह कुंवर के नाम को मंच से मिटाने का पर्वतीय समाज के लोगों ने कड़ा ऐतराज जताया है। कहा किज्ञहुकम सिंह कुंवर का मंच के लिए बड़ा योगदान रहा है वह 1982 में मंच के लिए जेल गए थे। विगत 42 सालों से वह मंच के लिए समर्पित रहे है। पूर्व अध्यक्ष पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच पृथ्वी पाल सिंह रावत ने कहा कि हुकम सिंह कुंवर का नाम पर्वतीय समाज के दिलों में है। बोर्ड से नाम मिटाना घटिया सोच है। पूर्व छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे डॉक्टर बालम सिंह बिष्ट, केदार पड़लीया,जगमोहन चिलवाल,भुवन तिवारी,मयंक भट्ट,सुरेंद्र बर्गली, पंकज सुयाल,प्रधान रमेश जोशी,दीपक रौतेला,कमल जोशी, बृज मोहन सिजवाली, राजेश अधिकारी,खिम सिंह बिष्ट,मनोज खुल्बे,हर्ष जलाल,श्याम सिंह नेगी, पूर्व सभासद अनिता बर्गली, आनंदी नेगी,बीना कुंवर, पी एस जीना,रेवाधार बृजवासी,विनोद बधानी,बिपिन कांडपाल,योगेश कांडपाल,उमेश बेलवाल,नरेश कांडपाल ने दुर्भाग्य पूर्ण बताया है।