अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रानीखेत की अदालत जिला-अल्मोड़ा अंजलि नोलियाल, (एच.जे.एस.) की अदालत ने वाहन दुर्घटना के एक मामले में अभियुक्त धर्मेंद्र सिंह उर्फ बब्लू निवासी ग्राम दत्यूणा, पोस्ट क्वारेला, थाना सल्ट, जिला अल्मोड़ा को दोषमुक्त किया।
जाने पूरा मामला
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता चंदन सिंह पुत्र गोपाल सिंह, निवासी ग्राम इनलू, तहसील भिक्यासैंण जिला अल्मोडा ने कथित घटना दिनांक 26.05.2020 के संबंध में लिखित दिया। बताया कि 2017 में बताया गया कि टीटीए सूमो क्रमांक यू.ए.04बी-1293 डभरा टॉप चिन्होनुवा इनलो मोटर मार्ग पर ग्राम डभरा निवासी मनीष पुत्र हरि सिंह भंडारी चला रहा था। बलवंत सिंह का पुत्र धर्मेन्द्र सिंह उर्फ बब्लू नाबालिग मनीष को गाड़ी चलाना सिखा रहा था। रास्ते में, उन्होंने दो यात्रियों को कार में बैठाया और चिन्हानुवा गांव के पास एक बैंड-शेप वाली सड़क पर कार को ऊपरी सड़क से नीचे की ओर उतार दिया, जिसमें दोनों यात्री गोपाल सिंह पुत्र स्वर्गीय डूंगर सिंह निवासी इनलू थे। जिसमें मंगल सिंह पुत्र खुशाल सिंह निवासी ग्राम इनलू की मृत्यु हो गई। बताया कि यह दुर्घटना उपरोक्त कार के चालक द्वारा वाहन को तेजी एवं लापरवाही से चलाने के कारण घटित हुई। उक्त मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट, भिकियासैंण में चला था। विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, भिकियासैंण ने अपने फैसले और आदेश दिनांक 02-02-2023 द्वारा अपीलकर्ता को दोषी ठहराया और उसे छह महीने की अवधि के लिए साधारण कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 279 के तहत 1,000/- रुपये और जुर्माने का भुगतान न करने पर अपीलकर्ता को एक महीने के कारावास की सजा सुनाई गई। इसके अलावा उसे दो वर्ष की अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा सुनाई गई। आईपीसी की धारा 304-ए के तहत दो साल और 2,000/- रुपये का जुर्माना और जुर्माने का भुगतान न करने पर अपीलकर्ता को दो महीने के कारावास की सजा सुनाई गई।
अदालत का आदेश
उक्त आदेश के खिलाफ अभियुक्त द्वारा अपील की गई थी। इस अपील की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रानीखेत की अदालत जिला-अल्मोड़ा अंजलि नोलियाल, (एच.जे.एस.) की अदालत में चली। पत्रावली में मौजूद साक्ष्य और गवाहों का परिसीलन कर न्यायालय ने अभियुक्त को दोषमुक्त किया। इस मामले में अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता भगवती प्रसाद पंत, अधिवक्ता दीप चंद्र जोशी व अधिवक्ता पंकज बजेठा ने पैरवी की।