अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा शुभांगी गुप्ता की अदालत ने दहेज, मारपीट, जान से मारने की धमकी आदि मामले में अभियुक्त एम.एस. परिहार पुत्र रतन सिंह परिहार निवासी ग्राम कुलाउ, तहसील व जिला बागेश्वर को दोषमुक्त किया है। अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता भगवती प्रसाद पन्त व महेश चन्द्र सिंह परिहार, धनंजय साह ने पैरवी की।
जानें पूरा मामला
इस संबंध में अभियुक्त के विरुद्ध उनकी पत्नी ने इस आशय रिपोर्ट लिखाई थी कि उसका विवाह दिनांक 10.06.2011 को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार एम.एस. परिहार उर्फ मुन्ना पुत्र रतन सिंह परिहार निवासी ग्राम कुलाउ, तहसील गरूड़, जिला बागेश्वर के साथ सम्पन्न हुआ था। जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं। बताया कि विवाह के बाद से ही कम दहेज लाने पर उसे ताने दिये गये और उसके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया। शराब पीकर मारपीट व गाली गलौज करता था। पड़ोसी मोहल्ले के लोगों के द्वारा बचाया जाता था। जान से मारने की भी कोशिश करने की बात कहीं।
अदालत का आदेश
उक्त मामला न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट/ सिविल जज (जू०डी०) शुभांगी गुप्ता की अदालत में चला। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट शुभांगी गुप्ता ने अभियुक्त को दोषमुक्त किया है।