जिला अल्मोड़ा के ताकुला विकासखंड के पनेरगांव निवासी ललित मोहन लोहनी व उनकी पत्नी अनिता लोहनी ने वर्ष 2018 -19 में डैमस्क गुलाब की खेती प्रारंभ की। 3 साल कठिन परिश्रम के बाद आज यह आजीविका का साधन बन चुका है।
नौकरी करने बाद गुलाब की खेती को बनाया आय का जरिया:

दिल्ली और हरियाणा में कुछ समय नौकरी करने के बाद 42 वर्षीय ललित मोहन लोहनी गांव लौट आए। गांव के पास ही दुकान की। जनवरी 2018 में सुगंध पौधा केंद्र सेलाकुई (कैप) देहरादून के संपर्क में आए, और अन्य किसानों के साथ जोशीमठ में गुलाब की खेती के प्रक्षेत्र देखने गए।
2021 में 90 किलो फूलों का उत्पादन किया गया

2018 में सुगंध पौधा केंद्र कैंप के माध्यम से 20 नाली भूमि में डैमस्क गुलाब की खेती शुरू की और 2019 में 4 किलो फूल वर्ष 2020 में 30 किलो फूल, 2021 में 90 किलो फूल का उत्पादन हुआ।
देश-विदेशों में किया जाता है निर्यात:
इससे फूलों से तैयार गुलाब जल को देहरादून दिल्ली, गुड़गांव, आस्ट्रेलिया तक निर्यात किया गया। गुलाब जल बनाने के लिए आसवन यंत्र सुगंध पौधा केंद्र सेलाकुई कैप से प्राप्त हुआ है।
गुलाब जल की बाजार में 250₹ प्रति ली. कीमत है:
गुलाब जल बाजार में ₹250 प्रति लीटर बिकता है वर्ष 2021 में 40000 ₹ की कटिंग चंपावत भेजी और 50000 ₹ की नर्सरी के पौधे जनवरी 2021 में दिए। जिसका भुगतान सुगंध पौधा केंद्र के द्वारा किया गया।
ललित मोहन द्वारा गुलाब के फूल के अलावा अन्य खेती भी की जाती है:
ललित लोहनी के पास गुलाब के अलावा तेजपत्ता,तुलसी,रोजमेरी, लेमनग्रास की खेती होती है,और अन्य पारंपरिक फसलें जो सरसों का उत्पादन करते हैं। डेमस्क गुलाब के पौधों से खेतों में घेरबाड़ की है। जिससे फसलों को जंगली सुअर से रक्षा होती है।
गांव की महिलाएं भी ललित मोहन लोहनी से प्रेरित होकर गुलाब की खेती कर रही हैं:
गाँव की 30 महिलाएं वर्ष 2021 में डैमस्क गुलाब की खेती से प्रेरणा लेकर गुलाब की खेती कर रही है।