अल्मोड़ा: 50 रूपये सदस्यता शुल्क करने पर बधाई का पात्र है देवभूमि व्यापार मंडल- संजय शाह(Rikkhu)

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में दिनांक 09 जनवरी 2024 को व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष संजय शाह(Rikkhu) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की।

शुल्क को लेकर कहीं यह बात

जिसमें उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल के होने वाले 2024 के चुनाव के लिए जो सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। उसमें अल्मोड़ा नगर के व्यापारी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जो कुछ स्वयंभू  व्यापारी नेता अपने आपको व्यापारियों का बहुत बड़ा हितेषी समझते हैं जबकि कलेक्ट्रेट स्थानांतरण और ऑनलाइन सामान घर-घर पहुंचने से व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है‌। ऐसे में व्यापारियों के हितेषी कहे जाने वाले नेताओं द्वारा सदस्यता शुल्क ₹150 रखा गया है, जबकि देवभूमि व्यापार मंडल ₹50 शुल्क ले रहा है। इसी से यह लगता है कि जो लोग अपने आप को व्यापारी नेता कहते हैं वह व्यापारियों के लिए कैसी सोच रखते हैं। यह सब अल्मोड़ा नगर के व्यापारियों के सामने हैं। देवभूमि व्यापार मंडल की ₹50 सदस्य शुल्क लेने से ही पता चलता है कि जब व्यापार प्रभावित हो रहा है और आज व्यापारियों को व्यापार करना एक चुनौती बना हुआ है। साथ ही कलेक्ट्रेट के अल्मोड़ा नगर में रहने से सभी व्यापारियों का कुछ ना कुछ व्यापार चल जाता था, लेकिन कलेक्ट्रेट स्थानांतरण होने से व्यापारी का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अगर व्यापारी नेताओं के द्वारा कलेक्ट्रेट रोकने के लिए संघर्ष किया जाता तो व्यापारियों का पूर्ण समर्थन उनके साथ होता। लेकिन उस समय व्यापार मंडल के कुछ नेता जिला प्रशासन की चाटुकारिता में लगे थे। उनके साथ चाय की चुस्कियां लगाने में मशगूल थे। वह पूर्ण रूप से भूल गए थे कि वह किन के प्रतिनिधि हैं। जिला प्रशासन की वह चापलूसी कर रहे थे जी हजूरी कर रहे थे और तत्कालीन जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा सोची समझी साजिश के तहत कलेक्ट्रेट को विकास भवन में शिफ्ट कर दिया गया और व्यापारी नेता की दुकान के पास से पिकअप में बाजार के रास्ते फाइले भर भर के जाने के उपरांत भी व्यापारी नेता जिला प्रशासन की गोद में बैठे रहे। इसी से लगता है कि उन व्यापारी नेताओं ने जिन्हें व्यापारियों ने बड़ी उम्मीद के साथ संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी उनके द्वारा गैर जिम्मेदारी निभाकर अल्मोड़ा नगर के व्यापारियों के साथ कितना बड़ा कुठाराघाट किया गया है। इसके लिए अल्मोड़ा नगर के व्यापारी उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।

बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और देवभूमि की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं व्यापारी

देवभूमि व्यापार मंडल ने व्यापारियों की इन परेशानियों को देखते हुए सदस्यता शुल्क जो ₹50 मात्र  किया गया है उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उनकी इस सोच से लगता है कि हां वास्तव में वह व्यापारी हित चाहते हैं। आज कुछ व्यापारी नेताओं के द्वारा जबरन मन माने तरीके से नियम  बनाए गए‌, जिससे कि आराम से उनका प्रत्याशी नगर व्यापार मंडल के चुनाव में जीत जाए और वह उसकी आड़ में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा कर सकें। लेकिन आज अल्मोड़ा का व्यापारी भली-भांति समझ गया है की कौन सा संगठन उनके लिए संघर्ष करेगा‌। इसीलिए सदस्यता अभियान में सब व्यापारी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और देवभूमि की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। जबकि मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा समाचार पेपर के माध्यम से बताया गया कि मीट मार्केट वाले व्यापारी और सस्ता गल्ला वाले व्यापारियों को ना व्यापार मंडल का सदस्य बनाया जाएगा नहीं उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की जाएगी। जब दोनों के लिए एक नियम लागू हो रहा है तो ऐसे में गुपचुप तरीके से मीट मार्केट के व्यापारियों को व्यापार मंडल की सदस्यता कैसे कर दी गई। आज नियमावली का वह नियम कहां गया‌। जिसकी मुख्य चुनाव अधिकारी बात करते हैं कि हमने नियम के तहत व्यापारियों को सदस्य बनाया है।

आने वाले समय में संघर्ष मिल का पत्थर साबित होगा

कहा कि अल्मोड़ा नगर में सबसे पुराने व्यापार मंडल देवभूमि व्यापार मंडल की बुनियाद रखी जा रही है। मुझे विश्वास है देवभूमि व्यापार मंडल अपने स्वार्थ को दरकिनार करके नगर के व्यापारी के लिए संघर्ष करेगा। आने वाले समय में उनका संघर्ष मिल का पत्थर साबित होगा।