अल्मोड़ा: डॉक्टर शांति स्वरूप भटनागर को मिले भारत रत्न

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा परिसर के रसायन विज्ञान विभाग में पद्म विभूषण डॉक्टर शांति स्वरूप भटनागर जी की 128 वी जन्म जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर  शाह ने की।

भारत देश को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभाग के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ देवेंद्र सिंह धामी ने कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की।  उन्होंने डॉ शांति स्वरूप भटनागर जी की संपूर्ण उपलब्धियों एवं उनके जीवन से संबंधित जानकारी दी। अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर जी सी शाह ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ शांति स्वरूप भटनागर जी का अतुलनीय  योगदान है। भारत देश को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित कर रहा है

आज भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित कर रहा है। इनके चुंबकीय रसायन एवं भौतिक रसायन और इमल्शन को व्यापक मान्यता मिली है। इनको फादर ऑफ मॉडर्न रिसर्च लैबोरेट्री भी कहा जाता है। आज देश कोरोना जैसी  भयंकर महामारी से लड़ने में सक्षम हुआ है तो इसमें डॉक्टर भटनागर जी द्वारा स्थापित प्रयोगशालाओं का अहम योगदान है। डॉक्टर भटनागर के बिना हम विकास की परिकल्पना नहीं कर सकते। वक्ताओं ने भारत सरकार से अपील की है कि डॉक्टर भटनागर को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा जाए।

कार्यक्रम में मौजूद लोग

कार्यक्रम का संचालन डॉ डी एस धामी ने किया।
इस कार्यक्रम में डॉ राजेश राठौर डॉ राजेंद्र जोशी, राजेश कुमार, श्री अंशु टम्टा, डॉक्टर नंदन सिंह बिष्ट, श्री रवींद्र नाथ पाठक, भावना पंत,सुनीता टम्टा, सोनल वर्मा, गीता रावत,श्री रवींद्र कनवाल, धन सिंह मेर, चंदन सिंह, मोहन सिंह ढैला, विमला भाकुनी सहित रसायन विज्ञान के दर्जनों शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे ।