जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पेयजल किल्लत से निजात नहीं मिल पा रही है। इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जैसे-तैसे प्राकृतिक जल स्त्रोतों व टैंकरों से अपने व मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे है। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा
दरअसल, इन दिनों जिला मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां ग्रामीणों को एक दिन के अंतराल बाद पेयजल उपलब्ध हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र खत्याड़ी, लोधिया, बरसीमी, मटेना, ज्योली, कसारदेवी, चौंसली आदि ग्रामीण इलाकों में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। लोगों को प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
विभाग किराये के टैंकरों से पहुंचा रहे पानी
वहीं विभाग किराये के टैंकरों से इन क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन टैंकरों से भी लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।