अल्मोड़ा: फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोकगायक गोविंद सिंह रावल, अस्पताल में भर्ती, सरकार से आर्थिक मदद की दरकार

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। धौलछीना( अल्मोड़ा) के कुमाऊनी लोकगीतों के प्रसिद्ध गायक गोविंद सिंह रावल इन दिनों मौत से संघर्ष कर रहे हैं। वर्तमान में लगभग 60 वर्ष की उम्र पर कर चुके यह लोक गायक फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जिंदगी और मौत से जूझ रहे है।

हल्द्वानी में चल रहा उपचार

गोविंद सिंह रावल गंभीर रूप से बीमार है। हल्द्वानी के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए उनके शुभचिंतकों तथा ग्रामीणों ने राज्य सरकार से लोक गायक को आर्थिक सहायता तथा उपचार करने की मांग की है। मूल रूप से विकासखंड के ग्राम सभा खांखरी पोस्ट कनारीछीना, निवासी लोक गायक गोविंद सिंह रावल की तबीयत पिछले दिनों अचानक खराब हो गई। स्थानीय चिकित्सकों को दिखाने के बाद परिजन उन्हें हल्द्वानी ले गए। जहां हल्द्वानी के एक अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। परिजनों ने बताया कि लोक गायक गोविंद सिंह फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। जहां उनके उपचार में प्रतिदिन हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं।

सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को अपने लोकगीतों से किया है प्रचारित

गोविंद सिंह रावल 7 वर्ष की उम्र से ही कुमाऊनी लोकगीतों झोड़ा , चांचरी, छपेली, न्योली भगनौल गाकर लोगों का मनोरंजन करते थे। 18 वर्ष की उम्र में कुमाऊं के प्रख्यात लोक गायक स्व प्रताप सिंह रीठागाड़ी के साथ मिलकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को अपने लोकगीतों के माध्यम से प्रचारित करने लगे। गोविंद सिंह रावल ने आकाशवाणी अल्मोड़ा, नजीबाबाद, लखनऊ केंद्र से कुमाऊनी गीतों की प्रस्तुति दी है। गोविंद सिंह रावल ने टी-सीरीज कैसेट के लिए दर्जनों कुमाऊनी गीत गाए हैं। उनके द्वारा गाए कि तेरी रंगीली अनवार, मेरी बाना,  कैले बनाई दे दुनिया, ओ मेरी दिलदार प्यारी, हिट दे साली कमला, आशा तू सुणनी रैये, गोपाल जै भुलु आदि गीतों तथा गोलू देवता जागर को श्रोताओं द्वारा खूब पसंद किया गया। पिछले 15 वर्षों से उनके द्वारा सांस्कृतिक दल बनाकर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड से प्रदेश सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। तथा जागर इत्यादि लगाकर अपनी आजीविका चला रहे हैं।

सरकार से आर्थिक सहायता की मांग

गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन कर रहे लोक गायक को धनाभाव के कारण समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह रावल तथा ग्रामीणों एवं लोक गायक के शुभचिंतकों ने सरकार से गोविंद रावल को आर्थिक सहायता मुहैया कराने तथा उनका समुचित इलाज करने की मांग की है।