अल्मोड़ा: छोलिया नृत्य व संस्कृति के उत्थान और प्रचार के लिए दिया संस्था वर्षो से कर रही है अनूठे कार्य

श्री राम विद्या मंदिर, ताकुला अल्मोड़ा में दिल्ली की संस्था दीया ने एक छोलिया वर्कशॉप रखी जिसमें तकरीबन 50 बच्चों को छोलिया नृत्य के बारे में बताया गया। छोलिया नृत्य की उत्पति, इतिहास अन्य विषय वस्तु के बारे में बताया गया। इस वर्कशॉप की खास बात ये थी की इस वर्कशॉप में छोलिया फिल्म के एवं दिया संस्था के अध्यक्ष देवा धामी बच्चों से खुद रूबरू हुए।

दिया संस्था 12 वर्षों से संस्कृति के उत्थान एवं प्रचार के लिए कर रही है कार्य

देवा धामी जो एक परंपरागत छोलिया नर्तक हैं उन्होंने शिक्षा ली हुई है। उनका मानना है की एनजीओ का अस्तित्व तभी है जो की लोगों के काम आ सके। इस एनजीओ की शुरुआत 2009 में हुई। दीया संस्था पिछले 12 वर्षों से संस्कृति के उत्थान एवं प्रचार के लिए काम कर रही है।

संस्कृति के क्षेत्र में बच्चों को मंच देने का किया जा रहा है कार्य

इस वर्कशॉप में अभिनेता देवा धामी की उपस्थिति रही एवं उनके साथ बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए श्वेता पांडे, सुनैना आर्य थे। एवं इसका प्रबंधन वीरेंद्र राव द्वारा किया गया। दीया संस्था की पीआरओ दिया रॉय की भी वहां उपस्थिति रही। दीया संस्था हमेशा कार्य करता रहा है और संस्कृति के क्षेत्र में और अभी तक कई बच्चों को गांव-गांव से ढूंढ कर उन्हें मंच देने का कार्य किया है।

वर्कशॉप का उद्देश्य था बच्चों में नृत्य के प्रति एक उत्साह भरना एवं उसका विस्तार

हाल ही में इंडियन आइडल बने पवनदीप राजन को दिया संस्था ने पहला मौका दिया था। फिल्म छोलिया जिसके मुख्य कलाकार देवा धामी थे तथा इस कार्यक्रम में कपड़ा मंत्री अजय टमटा ने बच्चों को वीडियो कॉलिंग द्वारा बधाइयां और शुभकामनाएं दी, क्योंकि उनका भी हमेशा दीया संस्था में सहयोग रहा है। इस पूरे वर्कशॉप में बच्चों में जबरदस्त उत्साह रहा। इस वर्कशॉप का असल उद्देश्य बच्चों में नृत्य के प्रति एक उत्साह भरना था एवं उसका विस्तार करना था।

2009 में हुई थी दिया संस्था की शुरुआत

देवा धामी ने 2009 में इस संस्था की शुरुआत करी जिसमें जर्नलिस्ट और कलाकारों का एक एक समूह है। जो प्रयासरत है इन्हीं कार्य कलापों में,खास तौर पर मुद्दा ये रखा गया की छोलिया नृत्य जिसका अस्तित्व मिटता चला जा रहा था और देवा धामी की फिल्म छोलियार आने के बाद लोगों ने इसे पहचाना शुरू किया। और आज देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों में इसकी पहचान बनी है। इस वर्कशॉप में बच्चे बड़े प्रोत्साहित हुए और एवं प्रिंसिपल व वहाँ के लोगों ने बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया, संस्था ने इन स्कूल के बच्चों को इस संस्था में जगह दी है।

दिया संस्था के सदस्यों ने कार्यक्रम को दिया खूबसूरत आकार

इस वर्कशॉप में दिया की ट्रेजरर यशिका बिष्ट की भी उपस्थिति रही। श्वेता पांडे ने बच्चों को प्रशिक्षण देकर वाकई बेहतर काम किया, सुनैना आर्य ने एंकर के रूप में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रॉजेक्ट मैनेजर के तौर पर वीरेंद्र राव का कहना है की दिया हमेशा ही बच्चों के साथ खड़ी है,युवाओं के साथ खड़ी है।कैमरामैन साजन भंडारी एवं पपीआरओ दिव्य रॉय ने इस पूरे कार्य को एक खूबसूरत आकार दिया।

प्रतिभावान बच्चों के लिए हमेशा खड़ी है दीया संस्था

दीया का मुख्य उद्देश्य है की हम समाज में हर उस चीज के खिलाफ लड़े जो समाज में बच्चों की उन्नति को रोकती है। दीया की तरफ से बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सर्टिफिकेट दिए गए हैं। प्रतिभावान बच्चों के लिए दीया संस्था हमेशा खड़ी है।