अल्मोड़ा के पास स्थित कसारदेवी जो अपने सुंदर हिमालयाई दृश्यों एवम आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है की सुरम्य पहाड़ियों में बीते रविवार को किताबों से दोस्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सर्वाधिक चर्चित हिंदी लेखक अशोक पाण्डे बतौर मुख्य लेखक उपस्थित रहे
इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से इस साल अपने हिंदी लेखन के लिए सर्वाधिक चर्चित हिंदी लेखक अशोक पाण्डे बतौर मुख्य लेखक उपस्थित रहे । इस दौरान इस साल आई उनकी पांच किताबों लपूझन्ना, जितनी मिट्टी उतना सोना, बब्बन कार्बोनेट, तारीख़ में औरत व विंसेंट का लोकार्पण किया गया। एवम इन किताबों पर चर्चा और लेखक के साथ पाठकों का संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इस साल आई इन किताबों में से कुछ किताबों के चार संस्करण तक छप चुकी हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। कार्यक्रम के दौरान अशोक पाण्डे ने अपनी किताबों के कुछ अंशों का पाठ भी किया एवम पाठकों के सवालों का जवाब भी दिया।
किताबों के जरिए घुमक्कड़ी के शौकीन लोगों को हिमालय के रहस्यमई संसार में भी जाने का मौका मिल रहा है
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी जो एनडी टीवी में कार्यरत रहे और वर्तमान में क्विंट न्यूज में हैं । एवम जर्मन रेडियो डॉयचे वेले में जर्मनी में कार्यरत ओंकार सिंह जनौटी थे। हृदयेश जोशी ने अशोक पांडे की किताबों के जरिए हिमालय और संस्कृति को लेकर जागरूक होने एवम हिमालय में आ रहे बदलावों पर अपनी बात की। जर्मनी से आए ओंकार सिंह जनौटी ने कहा कि अशोक पांडे की किताबों के जरिए घुमक्कड़ी के शौकीन लोगों को हिमालय के रहस्यमई संसार में भी जाने का मौका मिल रहा है और ये किताबें हिमालय को समझने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रोफेसर सैयद अली हामिद एवम महेंद्र सिंह मिराल ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम के दौरान अशोक पाण्डे द्वारा लिखित और अल्मोड़ा के छायाकार जयमित्र सिंह बिष्ट के खींचे गए अल्मोड़ा नगर और जनपद के खूबसूरत स्थलों पर आधारित किताब अबोड ऑफ द स्नो गोडेस अल्मोड़ा का भी विमोचन किया गया। इस किताब में जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा अपने फोटोग्राफी कैरियर के पिछले 25 वर्षों का संकलन किया गया है। कार्यक्रम का संचालन नीरज सिंह पांगती ने किया एवम अंत में अशोक पाण्डे को स्मृति चिन्ह देकर समानित किया गया। किताबों से दोस्ती कार्यक्रम का आयोजन अल्मोड़ा किताब घर द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे
कार्यक्रम के दौरान नगर के प्रशांत बिष्ट, गोपाल बिष्ट, भारत साह, नंदन रावत, महेंद्र सिंह मिराल, सारांश मंगोली,शेखर लखचौरा, शंभू राणा, सुरेश बिष्ट, विजय मेहता, हर्षवर्धन जोशी, वैभव जोशी, इंद्रा बिष्ट, जया बिष्ट, संदीप श्रीवास्तव गोकुल शाही आदि एवम साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।