अल्मोड़ा में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े लोग परेशान हैं। ट्रांसपोर्टरों ने पहाड़ों के लिए माल ढुलाई के दाम 20 फीसद तक बढ़ा दिए हैं। इससे अल्मोड़ा समेत अन्य पर्वतीय क्षेत्रों के लिए प्रति कुंतल माल ढुलाई के रेट 30 रुपये तक बढ़ गए हैं।
निर्माण सामग्री समेत खाद्य पदार्थों पर पड़ रहा है असर
कारोबारियों ने बताया कि माल भाड़े के इजाफे का असर जल्द ही रोजमर्रा के सामानों की कीमत पर भी दिखना तय है। कारोबारी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के हिसाब से माल बुक करा रहे है। डीजल के दाम बढ़ने से हल्द्वानी से आने वाले माल का भाड़ा भी बढ़ गया है। कुछ दिन पहले जहां प्रति कुंतल भाड़ा 100 से 105 रुपये चल रहा था। पिछले कुछ दिनों से 130 रुपये कुंतल हो गया है। निर्माण व अन्य विकास से जुड़ी गतिविधियों पर इसका असर होने लगा है।
ट्रांसपोर्टर बोले ड्राइवर, क्लीनर और मेटिनेंस का खर्च निकालने के बाद बचत न के बराबर
बताया कि उन्हें माल मंगवाने में लागत का पैसा भी नहीं निकल रहा है। वहीं ड्राइवर, क्लीनर और मेटिनेंस का खर्च निकालने के बाद भी बचत शून्य हो रही है।
निर्माण सामग्री में भी महंगाई का असर
पेट्रो पदार्थें के दाम बढ़ने से निर्माण सामग्री के ढुलाई में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। लगातार निर्माण सामग्री के दाम बढ़ रहे हैं। इससे लोगों को अपना आशियाना बनाना भारी पड़ रहा है। कई लोगों ने सरिया, ईंट और सीमेंट के बढ़े दाम के वजह से अपना भवन निर्माण कार्य तक रुकवा दिया है।
130 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गया भाड़ा
हरीश चंद्र जोशी, सचिव ट्रांसपोर्ट यूनियन ने बताया कि कुछ दिन पहले जहां प्रति कुंतल भाड़ा 100 से 105 रुपये प्रति चल रहा था। वर्तमान में डीजल के दामों में बढ़ोतरी के चलते भाड़ा प्रति कुंतल 130 रुपये तक पहुंच गया है।