अल्मोड़ा: हजारों सालों की सभ्यता परम्परा, पूर्वजो के आदर्शो को सहेजना ,संरक्षण करना , उसे आगे बढाना ही श्राद्ध है – गौ सेवा न्यास सचिव दयाकृष्ण काण्डपाल

पितृ विसर्जन अमावस्या पर गौ सदन ज्योली मे  जाकर लोगो ने अपने पितरों को तृप्त करने हेतु विशेष गौग्रास अर्पित किया । इस अवसर पर श्राद्ध व तर्पण  का महत्व बताते हुये गौ सेवा न्यास के सचिव दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि असली श्राद्ध हजारों सालों  की सभ्यता परम्परा , पूर्वजो के आदर्शो को  सहेजना ,संरक्षण करना , उसे आगे बढाना ही श्राद्ध है।

गौ आदि प्राणियो पूज्य पितरो , आचार्यों को तृप्त करना ही तर्पण

गौ आदि प्राणियो पूज्य पितरो , आचार्यों को तृप्त करना ही  तर्पण है  गौशाला  सनातन धर्म की हजारों सालों की वैदिक परम्पराओं से लोगो को जोडना व गौ ग्रास व उत्तम भोग से विद्वानो , आचार्यो को तृप्त करना  ही गौशाला का लक्ष्य है ।  उन्होंने प्रति माह गौशाला को दान देकर संचालित करने वाले दानदाताओं तथा गौशाला मे इस मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं के घर परिवार तथा पितरों की तृप्ति की कामना की ।

गौवो के लिये विशेष भोग तैयार किया

इस अवसर पर गौशाला के सचिव पूरन चन्द्र तिवारी , यशवन्त परिहार ,राजेन्द्र काण्डपाल, तरूण काण्डपाल , आनन्दी वर्मा , वसुधा पन्त आदि लोगो ने गौवो के लिये विशेष भोग तैयार किया तथा श्रद्धा से उन्हें गौ ग्रास प्रदान किया ।  कार्यक्रम में महेन्द्र सिह , आशा , ललिता बिष्ट आदि ने विशेष योगदान दिया ।