अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है । अल्मोड़ा विकासखंड भैंसियाछाना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेराघाट से हायर सेंटर को रेफर किए गए गंभीर मरीज के साथ 108 सेवा संचालन कंपनी की लापरवाही और संवेदनशीलता का मामला सामने आया है।
108 कर्मचारी और डॉक्टर आपस में ही झगड़ते रहे
पेट दर्द की गंभीर बीमारी से जूझ रही एक महिला अस्पताल के डाक्टर तथा 108 कर्मचारी के आपसी झगड़े में सवा घंटे तक तड़पती रही। सोमवार रात्रि करीब 10:00 बजे पेट दर्द से तड़प रही गैनार निवासी हेमा देवी पत्नी सुंदर राम को परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेराघाट लाए। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ कुलदीप कुमार ने महिला का प्राथमिक उपचार किया काफी देर बाद भी जब महिला का दर्द ठीक नहीं हुआ तब परिजनों की सहमति पर डॉक्टर ने मरीज को हायर सेंटर के लिए रेफर कह दिया। मरीज के परिजनों के साथ गए शेखर चम्याल ने बताया कि रात्रि 11:05 पर 108 सेवा में कॉल की गई पहले तो उन्होंने डॉक्टर से बात करवाने को कहा। डॉक्टर और 108 सेवा कर्मचारी के बीच काफी देर तक बात होती रही इसके बाद फोन काट दिया। शेखर चम्याल ने बताया कि उसके बाद लगभग 3 या 4 बार फिर से 108 में कॉल की गई। 108 कर्मचारी और डॉक्टर आपस में ही झगड़ते रहे। जबकि 108 सेवा सेराघाट में ही मौजूद थी। 108 कर्मचारी इस बात पर अड़े रहे कि आप डिस्चार्ज स्लिप पर लिख कर दीजिए आपके पास मरीज को लगाने के लिए इंजेक्शन नहीं है।
आपसी झगड़े में मरीज लगभग एक घंटा 20 मिनट अस्पताल में ही तड़पती रही
जबकि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर का कहना था कि उन्होंने डिस्चार्ज स्लिप में मरीज की हालत तथा उसको दिए गए उपचार की पूरी रिपोर्ट लिख दी थी। उनका कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सीमित संसाधन होते हैं तथा हमारे पास दवाइयां भी सीमित होती हैं। 1 घंटे उपचार के बाद भी जब मरीज का दर्द ठीक नहीं हुआ तब उसे बेस चिकित्सालय अल्मोड़ा के लिए रेफर किया गया। लेकिन 108 कर्मचारी ने मेरी पूरी बात नहीं सुनी तथा बीच में ही फोन काट दिया। इसी आपसी झगड़े में मरीज लगभग एक घंटा 20 मिनट अस्पताल में ही तड़पती रही। बाद में करीब 12:20 में 108 सेवा उपलब्ध हो सकी इसके बाद मरीज को बेस चिकित्सालय भेजा गया।