अल्मोड़ा: रानीखेत में मां नंदा देवी महोत्सव शुरू, मां नंदा के जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर

अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में मां नंदा को माता भगवती का रूप माना जाता है। लोगों की मां नंदा पर अटूट आस्था है और लोग मां नंदा की उपासना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। मां नंदा देवी को अपने मायके में बुलाने के लिए रश्म निभाई गई। लोगों ने कदली वृक्ष की पूजा कर नगर में यात्रा निकाल मंदिर तक पहुंचा। इस दौरान मां नंदा के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

नगर भ्रमण के बाद नंदा देवी मंदिर परिसर में लाया गया कदली वृक्ष

कदली वृक्ष आमंत्रण के साथ रानीखेत में मां नंदादेवी महोत्सव का आगाज हो गया। मां नंदादेवी समिति के तत्वाधान में रायस्टेट से कदली वृक्ष की पूजा कर माता के जयकारों के साथ नगर भ्रमण के बाद नंदा देवी मंदिर परिसर में लाया गया। इस दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

कदली वृक्ष की विधि-विधान से की पूजा

सुबह मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण हेतु कदली वृक्ष लाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रायस्टेट स्थित पहुंचे। जहां कदली वृक्ष की पूजा की गई। विपिन‌ चंद्र पंत ने पूजा विधि विधान‌ से सम्पन्न कराई। महिलाओं ने कीर्तन भजन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। रायस्टेट से कदली वृक्षों को श्रद्धा भाव और जयकारों के साथ नगर के द्यूलीखेत,रोडवेज, सदर बाजार, गांधी चौक, केएमओ स्टेशन, शिव मंदिर मार्ग आदि स्थानों से होते मां नंददेवी मंदिर परिसर में लाया गया।

23 सितंबर को ब्रहम मुहूर्त में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उपरांत परम्परागत धार्मिक कर्मकांड किए जाएंगे आयोजित

कदली यात्रा में नगर के विभिन्न संगठनों सहित श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। मां नंदाष्टमी महोत्सव समिति अध्यक्ष हरीश लाल साह ने बताया कि आज‌ से 22 सितंबर तक मूर्ति निर्माण, 23 सितंबर को ब्रहम मुहूर्त में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उपरांत परम्परागत धार्मिक कर्मकांड आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा माता के दर्शन किए जा सकेंगे। वहीं 27 सितंबर को कार्यक्रम का समापन माता की शोभा यात्रा व मूर्ति विसर्जन के साथ सम्पन्न होगा।