अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई हैं। नया सत्र शुरू हो गया है और नई कक्षाओं में प्रवेश के साथ काॅपी किताबों की महंगाई ने अभिभावकों की जेब पर आर्थिक बोझ डाला है।
एनसीआरटी की किताबें 60 प्रति दर तो, निजी प्रकाशन की प्रति किताब 300 रुपये के पार हुई
जिले के कई निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के अलावा निजी प्रकाशकों की करीब पांच-छह गुना अधिक महंगी किताबें खरीदवाई जा रही हैं। इससे अभिभावकों पर करीब चार गुना भार पड़ गया है। दो साल पूर्व सरकार ने स्कूलों में निजी प्रकाशन की किताबों में रोक लगाकर एनसीआरटी की किताबों को लागू कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी जिलेभर में अधिकांश पब्लिक स्कूलों में एनसीआरटी की किताबों के साथ ही अब भी निजी प्रकाशन की भी किताबें अभिभावकों से खरीदवाई जा रही है। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा हैं।