अल्मोड़ा: नई शिक्षा नीति (एनईपी) और कुमाऊंनी भाषा विषय पर हुई गोष्ठी, कहा जरूरी है कुमाऊंनी भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाना

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में बीते कल मंगलवार को कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति और पहरू कुमाऊंनी मासिक पत्रिका की ओर से नई शिक्षा नीति (एनईपी) और कुमाऊंनी भाषा विषय पर नगर पालिका सभागार में गोष्ठी हुई।

कुमाऊंनी भाषा का व्यापक प्रचार प्रसार जरूरी

इस दौरान कुमाऊंनी कहानीकार अनूप तिवारी के कुमाऊंनी कहानी संग्रह भूख का विमोचन किया। वहीं वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक कुमाऊंनी भाषा को एक विषय के रूप में पढ़ाकर इसे सहेजा और संरक्षित किया जा सकता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए काम कर रही है। कहा कि अपनी बोलचाल में कुमाऊंनी भाषा का प्रयोग करने से इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सकता है। वक्ताओं ने कहा यदि कुमाऊंनी भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया तो यह विलुप्त हो सकती है जबकि यह भाषा समृद्ध है। युवाओं को इसके संरक्षण में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।

यह लोग रहें मौजूद

गोष्ठी में डॉ. रमेश पांडे, बलवंत सिंह बिष्ट, डॉ. केसी जोशी, डॉ. देव सिंह पोखरिया, पीसी तिवारी, आनंद सिंह बिष्ट, डॉ. पवनेश ठकुराठी, अनूप तिवारी, जमन सिंह बिष्ट, डॉ. हयात सिंह रावत, आनंद सिंह बगड़वाल, तफज्जुल खान, डॉ. जेसी दुर्गापाल आदि मौजूद रहे।