अल्मोड़ा: नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले अभियुक्त की अपील हुई खारिज

अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद नाथ त्रिपाठी की अदालत ने ठगी और धोखाधड़ी के अभियुक्त कुमार गौरव उर्फ विशाल की अपील खारिज कर दी। न्यायालय ने अभियुक्त की सजा को बरकरार रखा।

जाने पूरा मामला-

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एचसी नैलवाल ने न्यायालय को बताया कि कुमार गौरव ने खुद को दिल्ली मेट्रो में एचआर बताकर अल्मोड़ा निवासी सुनील तिवारी से एक लाख अस्सी हजार और जीवन मलवाल से एक लाख पैंसठ हजार, रुद्रपुर निवासी आरती गुप्ता से एक लाख तीस हजार रुपये दिल्ली मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर ले लिए। उन्हें नियुक्ति पत्र ई मेल कर दिए लेकिन ज्वाइन कराने के लिए टालता रहा। जिसके बाद मामले की रिपोर्ट थाना कोतवाली में दर्ज हुई और अभियुक्त के मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा, न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा में हुई। अदालत ने अभियुक्त कुमार गौरव को दोष सिद्ध किया और 21 जनवरी 2020 को अभियुक्त कुमार गौरव को धारा 467 आईपीसी में 3 साल की सजा और 10000 रुपये अर्थदंड, धारा 468 आईपीसी में तीन साल की सजा, दस हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 471 आईपीसी में दो साल की सजा और 5000 रुपये अर्थ दंड से दंडित किया। जिसके खिलाफ अभियुक्त कुमार गौरव ने अदालत में अपील की और अभियुक्त के मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद नाथ त्रिपाठी की अदालत में हुई।

अपील खारिज-

अदालत ने मामले के समस्त विश्लेषण व पत्रावली के परिशीलन के बाद अभियुक्त पर लगे आरोप सिद्ध माने और अभियुक्त कुमार गौरव उर्फ विशाल की अपील खारिज कर उसकी सजा बरकरार रखी।